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फडणवीस और अजित पवार आमने-सामने

बटेंगे तो कटेंगे को लेकर महायुति में रार?

मुंबई/दि.15- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्दारा महाराष्ट्र की विधानसभा चुनाव प्रचार दौरान किए गए वक्तव्य के कारण बडा राजकीय विवाद उठ रहा है. उनके वक्तव्य पर अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. योगी आदित्यनाथ व्दारा प्रचार दौरान बटेंगे तो कटेंगे जैसा नारा देकर जनता को सावधान रहने का इशारा किया है. उसके बाद आदित्यनाथ पर टीका शुरू हो गया है. मगर भाजपा नेता व शिवसेना (शिंदे) नेताओं ने भी योगी का नारा उपर उठाया है. तो महायुति में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित) ने इस नारे से दूरी रखनी शुरु कर दी है. पार्टी प्रमुख अजित पवार व उनकी पार्टी ने इस नारे पर सहमती स्वीकार न करने की घोषणा की है. इसी के साथ भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने भी ऐसे किसी नारे की आवश्यकता न रहने की बात कही. दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक है तो सेफ है का नारा दिया है. मगर दो नारों के कारण महायुति में कशमकश शुरु दिखाई दे रही है.
देवेन्द्र फडणवीस ने योगी आदित्यनाथ के नारे को अपनाया है तो मोदी के नारे को महामंत्र कहा है. वही उनके सहयोगी अजित पवार का इस नारे को लेकर विरोध है. इस पर अब फडणवीस ने सविस्तार प्रतिक्रिया दी है. एएनआई इस समाचार एजंसी को दी गई एक मुलाकात में कहा कि इन लोगों (अजित पवार व पंकजा मुंडे) को जनता की भावना समझ नहीं आ रही है. उन्हें कुछ अलग बोलना है और मीडिया उसका कुछ अलग की अर्थ निकाल रही है या योगी के वक्तव्य का अर्थ समझ नहीं आ रहा है. जनता योगी से असहमत रहने का इस तीन कारण में से कोई एक कारण भी हो सकता है.
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा- केवल अजित पवार के बारे में बोले तो वे विगत कई अनेक दशकों से ऐसे विचार के लोगों के साथ रहते आए है. जो खुद को सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) कहते आए हैं. उनके विचार धर्मनिरपेक्ष रहने का कहते आए हैं. मगर उनके धर्मनिरपेक्ष रहना यानी हिंदू विरोधी रहने जैसा है. हिंदुत्व का विरोध यानी धर्मनिरपेक्षता ऐसी विचारधारा रहने वाले लोगों के साथ अजित पवार विगत अनेक वर्ष से रहते आए हैं. जिसके कारण जनता का मिजाज राष्ट्रवादी भावना समझने के लिए उन्हें थोडा अलग लगेंगा और रहा प्रश्न बटेंगे तो कटेंगे के नारे का तो इसका अर्थ है समाज के एकत्र रखना और इसमें कोई गलती नहीं है. इसी तरह मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक है, तो सेफ है का नारा महामंत्र कहा जा रहा है. इसका कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संपूर्ण समाज को एकत्र रखने के लिए मंत्र दिया है. हम एक रहेंगे तो अपना विकास होंगा. ऐसा उसके पीछे का उद्देश्य है. कांग्रेस सिर्फ अपना अलग कारण बताने का प्रयत्न कर रही है.

 

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