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फडणवीस ने 50 फोन किये, ठाकरे ने नहीं की बात

युति टूटने की हकीकत सीएम शिंदे ने की बयां

मुंबई/दि.14 – 2019 के विधानसभा चुनाव नतीजों के पश्चात देवेंद्र फडणवीस ने ढाई-ढाई वर्ष की सत्ता की चर्चा करने उद्धव ठाकरे को 50 बार फोन किये. ठाकरे ने एक बार भी फोन नहीं लिया. यह बात सीएम एकनाथ शिंदे ने सोमवार को एक समाचार चैनल से वार्तालाप में उजागर की. उन्होंने युति टूटने की पूरी कहानी इस भेंटवार्ता में कहकर बताई. शिंदे ने कहा कि, उद्धव ठाकरे ने भाजपा के साथ नहीं जाने का निर्णय कर लिया था.
* सेना विधायक नाराज
सीएम शिंदे ने बताया कि, फडणवीस पहले ढाई वर्ष सेना का सीएम बनाने के लिए राजी थे. इसके लिए उन्होंने ठाकरे को बार-बार फोन लगाए. पर ठाकरे ने बात ही नहीं की. शिंदे ने कहा कि, बात किये बगैर कैसे होगा. शिंदे ने ठाकरे से आग्रह किया था कि, वह एक बार फोन से बात तो कर लें. ठाकरे नहीं माने. ठाकरे ने कहा कि, उन्हें अब भाजपा पर भरोसा नहीं रहा. शिंदे ने कहा कि, पार्टी के विधायक महाविकास आघाडी पर नाराज रहने के बारे में भी उन्होंने उद्धव ठाकरे को बताया था. ठाकरे ने आमने-सामने बात की, तब भी विधायकों और उन्होंने कांग्रेस की विचारधारा अपनी नहीं होने के बारे में उल्लेख किया था. कहा था कि, भाजपा और शिवसेना की विचारधारा एक है. यह एक नैसर्गिक युति है. बालासाहब ठाकरे, अटलबिहारी बाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और प्रमोद महाजन ने जिस अंदाज में युति की है, उसी के अनुसार सरकार स्थापित होने के एकनाथ शिंदे पथघर थे. शिंदे ने उबाठा की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की बात पर टिप्पणी करने से मना कर दिया. जिसमें चतुर्वेदी ने कहा था कि, श्रीकांत शिंदे के माथे पर लिखा है मेरे पिता गद्दार है. शिंदे ने कहा कि, यह लोग बरगला गये है. उन पर और प्रधानमंत्री पर रात-दिन आरोप करते रहते हैं. शिंदे ने कहा कि, 2019 में उन्होंने जनता का, पार्टी कार्यकर्ताओं का और बालासाहब के आदर्शों का विश्वासघात किया. फिर उनके माथे पर महागद्दार लिखा जाना चाहिए, ऐसा कहूं क्या?

 

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