* विपक्ष का बहिष्कार
नागपुर/ दि. 28- विधानमंडल शीतसत्र में विपक्ष की अनुपस्थिति के कारण बगैर चर्चा के महाराष्ट्र लोकायुक्त विधेयक मंजूर किया गया. उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने लोकायुक्त कानून का श्रेय वरिष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे को दिया. विपक्ष ने अब्दुल सत्तार पर घपले का आरोप कर सभा त्याग किया. उपरांत शिंदे-फडणवीस सरकार ने चर्चा के बिना कानून मंजूर करवा लिया.
फडणवीस ने कहा कि वे सदन का आभार व्यक्त करते हैं. सदन ने लोकायुक्त विधेयक सर्वसम्मति से स्वीकृत किया. सामने की मेज के लोग भी उपस्थित रहते तो अधिक आनंद होता. विधेयक को लेकर विपक्ष से पहले ही चर्चा की गई थी. वे भी सदन में रहते तो विधेयक पर और अधिक ढंग से एक राय दर्शाते आती.
* हजारे ने किया था अनशन
फडणवीस ने यह भी कहा कि केन्द्र द्बारा लोकपाल कानून लाने पर प्रदेशों में भी इसी तर्ज पर लोकायुक्त कानून मंजूर करने की अपेक्षा थी. इसके लिए वरिष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे ने अनशन किया था. फडणवीस ने सदन को बताया कि वे और गिरीश महाजन स्वयं हजारे के पास गए थे. उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनकी अपेक्षानुसार कानून सरकार बनाएगी.
* हजारे के सभी बदलाव मान्य
फडणवीस ने कहा कि अण्णा हजारे ने कानून बनाते समय भरोसे में लेने की बात कही थी. जिससे सरकार ने हजारे द्बारा भेजे गए प्रतिनिधि उच्चस्तरीय समिति में लिए थे. मसौदा तैयार करने समिति की अनेक बैठके हुई. हजारे द्बारा बताए गए सभी बदलाव मान्य किए गए.
* अनुमति लेकर सीएम की जांच
इस बीच असीम सरोदे ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की जांच अनुमति लेकर करनी पडेगी. यह प्रावधान गलत होने का दावा सरोदे ने किया. उन्होंने कहा कि सीएम, मंत्री और अधिकारियों की इजाजत लेकर ही जांच करनी है तो फिर लोकायुक्त का क्या मतलब? अण्णा हजारे, विश्वंभर चौधरी, श्याम असावा जैसे समिति सदस्यों ने उक्त प्रावधानों का विरोध करना चाहिए. उसी प्रकार नागरी अधिकारों पर बोलना चाहिए. सरोदे ने कहा कि ताकतवर एवं प्रभावी लोकायुक्त कानून होना चाहिए. सरोदे ने आज पारित कानून को कमजोर बताया. उन्होंने लोकशाही के लिए सभी के हस्तक्षेप की अपेक्षा व्यक्त की.