मुंबई/दि. १७ – एंटीलिया केस में सचिन वाजे पर एनआईए का शिकंजा कसने और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह का तबादला होने के बाद बुधवार की शाम महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार पर निशाना साधा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मनसुख हिरेन मामले की जांच भी एनआईए को करनी चाहिए.
फडणवीस ने कहा कि मनसुख हिरेन की मौत के मामले में सचिन वाजे से बड़ी चूक हो गई. मनसुख की हत्या कर शव को हाईटाइड में फेंका गया था ताकि शव बह जाए लेकिन लोटाइड के चलते शव नहीं बहा और मामला खुल गया. नेता विपक्ष फडणवीस ने कहा कि मनसुख की मौत से संबंधित रिपोर्ट में सामने आया है कि मनसुख को जोर से दबाया गया जिससे कि उनका दम घुटने लगे. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में यह भी बात सामने आई है कि उनके फेफड़ों में पानी नहीं भरा था यानि डूबने से उनकी मौत नहीं हुई है.
फडणवीस ने कहा कि जब पुलिस के बाहर के मुझ जैसे आदमी को इतनी जानकारियां मिल गई हैं तो फिर एनआईए और एटीएस को यह सबूत क्यों नजर नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है एनआईए और एटीएस दोनों ठीक से जांच नहीं कर रहे हैं.
सचिन वाजे को लेकर उन्होंने कहा कि वाजे शिवसेना के वसूली अधिकारी थे. उन्हें ऋतिक रोशन से लेकर कई बड़े केस सौंपे गई थे. वाजे पर रंगदारी का आरोप भी लगा था. जिसके चलते वह सस्पेंड हुए थे लेकिन इसके बाद भी शिवसेना ने उन्हें वापस नौकरी में बुलाया और उन्हें इतने बड़े पद पर बिठाया. उन्होंने कहा कि मुंबई में सीपी के बाद वाजे काफी बड़ी हैसियत रखते थे. वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री समेत शिवसेना के कई बड़े नेताओं की ब्रीफिंग के दौरान नजर आते थे.
फडणवीस ने बताया कि सचिन वाजे छोटे मोहरा है, असली खेल कोई और खेल रहा है. सचिन वाजे को ऑपरेट करने वाले उनके आका कौन हैं उन्हें ढूंढ कर निकलना होगा. एंटीलिया के पास जिलेटिन रखने का मकसद और मंशा जाननी चाहिए. फडणवीस ने ये भी बताया कि 2018 में सचिन वाजे के लिए उद्धव ठाकरे ने मुझसे फोन पर बात की थी और कई मंत्रियों ने भी मुझसे बात की थी.
फडणवीस ने कहा कि मुंबई के इतिहास में ऐसा काम कभी नहीं हुआ, जब पुलिस खुद अपराधी बन जाये. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पुलिस ऐसा करेगी तो आम लोगों की सुरक्षा कौन करेगा. उन्होंने कहा कि 2007 में वाजे ने वीआरएस ले लिया था. ऐसे में उन्हें शिवसेना नौकरी में वापस लेकर आई. रिव्यू कमेटी ने कोरोना के बहाने वाजे को फिर से पुलिस सेवा में शामिल किया.
फडणवीस ने दावा किया कि उनके सीएम रहते हुए भी शिवसेना ने दबाव बनाया था लेकिन मैंने पूरी रिपोर्ट पढ़ी थी और मैंने उन्हें पुलिस में शामिल ना करने का फैसला लिया था .2019 के अंत मे शिवसेना की सरकार बनते ही सचिन वाजे को वापस लाया गया. मुंबई का सबसे महत्वपूर्ण पद क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का हेड भी उन्हें दिया गया. मुम्बई के सभी हाई प्रोफाइल केस सीआईओ के पास ही आता था. ऋतिक रोशन, बादशाह रैपर वाला केस भी इन्हीं के पास आया था. वाजे वसूली अधिकारी के रूप में बैठाए गए थे. डांस बार चलाने की छूट से लेकर सभी काम वाजे के पास था. आज इतने सबूत नहीं होते तो शिवसेना उनको साधु बता रही होती.
उधर, संजय राउत ने बयान जारी कर कहा कि अगर सचिन वाजे इस मामले में दोषी हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी कोई भी दोषी इस मामले में बख्शा नहीं जाएगा. गौरतलब है कि संजय राउत इससे पहले सचिन वाजे का बचाव करते नजर आए थे.