किसान मोबाइल एप व्दारा दे सकेंगे फसलों की जानकारी
टाटा ट्रस्ट के सहयोग से सरकार ने तैयार किया एप
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15 अगस्त से होगा संचालन
मुंबई/ दि.३१ – प्रदेश के किसान अब मोबाइल एप पर अपने खेतों में की गई बुआई की जानकारी दे सकेंगे. किसानों के फसलों के पंजीयन की जांच पटवारी करेंगे इसके लिए राज्य के राजस्व विभाग ने टाटा ट्रस्ट के सहयोग से एक स्वतंत्र मोबाइल एप तैयार किया है. इस मोबाइल एप से फसलों की बुआई का समय व जानकारी संकलित की जा सकेगी. आगामी 15 अगस्त से यह प्रणाली लागू की जाएगी ऐसा प्रदेश के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा.
थोरात ने बताया कि राजस्व विभाग की ओर से इस संबंध में शासन व्दारा आदेश जारी किए गए है. अभी पायलेट प्रोजक्ट के रुप में राज्य के 20 तहसीलों में इस ई-फसल सर्वेक्षण परियोजना को लागू किया गया था लेकिन अब पूरे राज्य में यह परियोजना लागू होने से किसानों को प्राकृतिक आपदा में अचूक नुकसान भरपाई और मदद देना संभव हो सकेगा. किसानों के फसलों के बीमा और फसल सर्वेक्षण के दावों के निपटारे की प्रक्रिया सुलभ होगी. थोरात ने बताया कि ई-फसल सर्वेक्षण परियोजना को सफलता पूर्वक लागू करने के लिए राज्यस्तरीय, विभागीय, जिला और तहसील स्तर पर निगरानी समिति भी गठित की गई है.
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सातबारा पर होता था फसलों का पंजीयन
शासनादेश के अनुसार राज्य में अभी किसानों के खेत की जमीन के सातबारा पर फसलों का पंजीयन होता है. इससे किसानों के उत्पादन, सूखा, अतिवृष्टि और तूफान में फसलों का हुए नुकसान का अनुमान लगाना संभव होता है. इसी फसल पंजीयन के आधार पर किसानों को फसल कर्ज दिया जाता है. लेकिन दो से तीन गांवों को मिलाकर एक ही पटवारी होने से फसलों का सर्वेक्षण अचूक नहीं हो पाता. इसको लेकर किसानों की शिकायत रहती थी. इसलिए राजस्व विभाग ने किसानों को सीधे फसलों के रियल टाइम पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला किया है.