महाराष्ट्र

‘उस’ अनुमति की अब कर्ज के लिए किसानों को जरुरत नहीं

भोगवटदार वर्ग-2 की जमीन पर भी मिलेगा तारण कर्ज

* किसानों को जिला व राष्ट्रीय बैंकों से कर्ज मिलना हुआ आसान
मुंबई /दि.28– राज्य में भोगवटदार वर्ग-2 के तौर पर जमीन धारण करनेवाले किसानों को बैंको की ओर से कर्ज मिलने में आनेवाली दिक्कतों को दूर कर दिया गया है. जिसके चलते अब जिला बैंक व राष्ट्रीयकृत बैंकों के जरिए भोगवटदार वर्ग-2 की जमिनों पर भी तारण कर्ज दिया जा सकेगा, ऐसी जानकारी राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा दी गई है.
ज्ञात रहे कि, जिला बैंक द्वारा किसानों को कर्ज की आपूर्ति की जाती है और यदि कोई किसान कर्ज की अदायगी करने में असफल रहा तो इससे बैंक का पैसा डूब जाता है और बैंक दिक्कत में आ जाती है. ऐसे समय बैंक द्वारा गिरवी रखी गई जमीन यदि भोगवटदार वर्ग-2 की है तो उस पर कर्ज का बोझ भी नहीं चढाया जा सकता, ऐसे में बैंकों द्वारा भोगवटदार वर्ग-2 की जमिनों को गिरवी नहीं रखा जाता था. परंतु अब जिला बैंकों के साथ ही राष्ट्रीयकृत बैंको द्वारा भी भोगवटदार वर्ग-2 की जमिनों को गिरवी रखते हुए किसानों को कर्ज दिया जा सकेगा.

* जीवंत 7/12 देने का अभियान 1 अप्रैल से
मृत खाताधारकों के वारिसों को कृषि भूमि से संबंधित अधिकार सहज व जल्द मिले इस हेतु समूचे राज्यभर में जीवंत 7/12 अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत मृत खाताधारकों के नाम कम करते हुए वारिसों के नाम पर 7/12 करने का अभियान चलाया जाएगा और राजस्व विभाग द्वारा खुद होकर उत्तराधिकारियों की जानकारी दर्ज की जाएगी. यहां तक की आवेदक को आवेदन करने की भी जरुरत नहीं रहेगी और राजस्व महकमा खुद होकर पहल करेगा. यह पूरी प्रक्रिया केवल डेढ माह की कालावधि में पूर्ण की जाएगी.

* प्रमाणपत्रों के लिए भी अभियान
राज्य में राजस्व विभाग से संबंधित नागरिकों, किसानों, विद्यार्थियों व महिलाओं की समस्याओं को हल करने हेतु छत्रपति शिवाजी महाराज महाराजस्व समाधान शिविर महाअभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान सर्वसामान्यों के लिए वरदान साबित होगा, ऐसा विश्वास राजस्व मंत्री बावनकुले द्वारा विधान मंडल के दोनों सभागृहों में व्यक्त किया गया. बावनकुले ने कहा कि, प्रत्येक राजस्व मंडल में एक वर्ष के दौरान चार ऐसे शिविर आयोजित किए जा रहे है और प्रत्येक शिविर के लिए 25 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा. साथ ही सालभर के दौरान ऐसे लगभग 1600 शिविर लिए जाएंगे. जिनके जरिए निवासी प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, जातिय प्रमाणपत्र, राशन कार्ड वितरण, राजस्व विभाग से संबंधित शिकायतें आदि मुद्दों को एक ही स्थान पर हल किया जाएगा.

* घर बैठे मिलेगा ई-मुद्रांक प्रमाणपत्र
राज्य सरकार ने मुद्रांक शुल्क व पंजीयन प्रक्रिया में आमुलाग्र बदलाव किए है. जिसके चलते अब नागरिकों को घर बैठे ऑनलाईन ई-मुद्रांक प्रमाणपत्र मिलने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. सन 2004 से शुरु रहनेवाली पुरानी प्रक्रिया में नागरिकों को स्टैम्प पेपर हेतु विक्रेता के पास जाना पडता था. जिसकी मर्यादा भी थी. साथ ही फ्रैकिंग के लिए अलग-अलग केंद्रों पर जाना पडता था और पंजीयन प्रक्रिया के दौरान ई-चालान भरने के बाद भी उसकी प्रिंट निकालकर कार्यालय में पेश करनी पडती थी. इन सभी बातों पर सरकार ने अब पूर्णविराम लगा दिया है. जिसके चलते अब किसी दस्तावेज पर मुद्रांक शुल्क किसान लगेगा यह पता करने हेतु कोरे कागज पर आवेदन करने की बजाए ऐसा आवेदन सीधे एक हजार रुपए के स्टैम्प पेपर पर करना होगा. इसमें यदि शुल्क अधिक भरा गया तो 45 दिन में अतिरिक्त रकम वापिस मिल जाएगी. साथ ही शुल्क कम भरा रहने पर अतिरिक्त शुल्क तुरंत भरना होगा.

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