कर्ज माफी के बावजूद किसान आत्महत्याएं बढ़ीं
औरंगाबाद-नागपुर विभाग में खुदकुशी की घटनाएं अधिक
मुंबई/दि.22– किसान कर्जमाफी सहित खेती के लिए कई तरह की सरकारी घोषणाओं के बावजूद महाराष्ट्र में किासन आत्महत्या की घटनाएं कम नहीं हो रही है. सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) से मिली जानकारी के अनुसार 2020 में 2547 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी जबकि गत वर्ष के 11 महीनों के दौरान (1 जनवरी 2021 से 31 नवंबर 2021) तक 2489 किसानों ने आत्महत्या की. औरंगाबाद व नागपुर विभाग में किसान आत्महत्याओं की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है.
* विदर्भ में 50 फीसदी आत्महत्या
महाराष्ट्र में होने वाली किसान आत्महत्या की 50 फीसदी घटनाएं विदर्भ में हुई है. 2021 में अमरावती जिले में 331 व यवतमाल में 270 किसानों ने आत्महत्या की थी, वहीं 2021 में खुदकुशी करने वाले किसानों की संख्या बढ़ कर 309 हो गई. इसी तरह औरंगाबाद विभाग में वर्ष 2020 में 773 किसानों ने आत्महत्या की थी जो 2021 में बढ़कर 804 हो गई. नागपुर विभाग में सबसे ज्यादा वर्धा (134) के किसानों ने आत्महत्या की जबकि औरंगाबाद विभाग के बीड़ जिले में (175) सबसे अधिक किसानों ने मौत को गले लगाया है. कोंकण विभाग में किसान आत्महत्या की कोई घटना सामने नहीं आई.
* आत्महत्याग्रस्त आधे परिवारों को ही मिल सकी मदद
आरटीआई कार्यकर्ता जीतेन्द्र घाडगे द्वारा महाराष्ट्र के राजस्व विभाग से हासिल जानकारी के अनुसार किसान आत्महत्या मामले में पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से दी जाने वाली एक लाख रुपए की मदद केवल 50 फीसदी पीड़ित परिवारों को ही मिल सकी है. बाकी 50 फीसदी परिवारों को अपात्र ठहरा दिया गया है. इसका कारण 19 दिसंबर 2005 को जारी शासनादेश में शामिल शर्तों को बताया गया है. घाडगे का कहना है कि नियमों के अनुसार केवलसरकारी बैंकों से कर्ज लाने वाले किसान परिवारों को ही मदद मिलती है. साहूकारों से कर्ज लेने वाले किसान द्वारा आत्महत्या करने पर आर्थिक मदद नहीं मिल पाती. घाडगे ने बताया कि वर्ष 2018 में शुरु गोपीनाथ मुंडे शेतकरी अरघात बीमा योजना के तहत मिलने वाली 2 लाख की आर्थिक मदद भी आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवारों को नहीं मिल रही है. क्योंकि इस बीमा योजना में आत्महत्या का उल्लेख नहीं है. यंग व्हिसल ब्लोवर फाउंडेशन के संयोजक जितेन्द्र घाडगे का कहना है कि किसानों के मानसिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना जरुरी है. वे कहते हैं कि केवल कर्जमाफी से किसान आत्महत्या की घटनाएं नहीं रुकेगी.
विभाग वर्ष आत्महत्याएं
नागपुर 2020 269
2021 309
अमरावती 2020 1128
2021 1056
औरंगाबाद 2020 773
2021 804
नाशिक 2020 351
2021 307
पुणे 2020 26
2021 13
कोंकण 2020 0
2021 0