नांदेड़- विदर्भ-मराठवाड़ा की वेगवान कनेक्टिविटी
विदर्भ-मराठवाड़ा - 182 कि.मी. का मार्ग,काम की शुरुआत 1 जुलाई से

नांदेड़/प्रतिनिधि दि.१४ – विदर्भ-मराठवाड़ा में वेगवान कनेक्टिविटी निर्माण करने वाले अकोला-वाशिम-नांदेड़ इस 182 किलोमीटर के चौपदरी महामार्ग का काम प्रगतिपथ पर है. इसी के अंतर्गत नांदेड़ जिले के कलमनुरी से वारंगा फाटा मार्ग का निर्माण कार्य आगामी 1 जुलाई से शुरु किया जाएगा.
इंदूर से हैदराबाद प्रमुख राष्ट्रीय महामार्ग पर 182 कि.मी. के अकोला-वाशिम-नांदेड़ मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है. चार चरणों में इस काम का विभाजन किये जाने के साथ ही करीबन ढाई हजार करोड़ रुपए इस काम में लगाये जायेंगे. अकोला से मेडशी मार्ग का काम 1 नवंबर को शुरु किये जाने के साथ ही अब तक 15 प्रतिशत काम हो गया है.अकोला में 80 तो वाशिम जिले में 30 कि.मी. काम पूर्ण हुआ है. वाशिम से हिंगोली यह 42 किलोमीटर का मार्ग है. मेडशी से वाशिम मार्ग पर 50 प्रतिशत तो वाशिम से कलमनुरी मार्ग पर 70 प्रतिशत काम हो गया है. अब 1 जुलाई से कलमनुरी से वारंगा फाटा तक इस काम की शुरुआत की जाएगी. अकोला से नांदेड़ यह 182 किलोमीटर का राष्ट्रीय महामार्ग 2022 में पूर्ण होने की जानकारी है.
महामार्ग प्राधिकरण ने राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते हाथ टेक दिये जाने का चित्र है. इस हस्तक्षेप से ही ठेकेदारों के वाहनों की तोड़फोड़ करने की घटना घटती है. काम की गुणवत्ता व दर्जा अच्छा नहीं, यह आक्षेप राजनीतिक मंडली की ओर से लगाया गया है.मात्र इस बाबत केंद्रीय भूपृष्ठ यातायात विभाग आरपार की भूमिका लेने की तैयारी में होने की जानकारी है.
* राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते निर्माणकार्य रुका
विदर्भ-मराठवाड़ा के मोड़ के लिये महत्वपूर्ण माने जाने वाले इओस मार्ग हेतु सत्ताधारियों के राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण कुछ काम रुके पड़े हैं. वाशिम से कारंजा दरमियान शेलूबाजार के उड़ान पुल का करीबन 20 करोड़ रुपए का काम रुका पड़ा है. नागपुर से औरंगाबाद इस महामार्ग के वाशिम जिले में 140 करोड़ के बजट वाले करीबन 450 कि.मी. रास्ते की देखभाल दुरुस्ती का तो वाशिम शहर के 150 करोड़ के बायपास का भी काम रुका पड़ा है.