पिता ने किए बेटी के अरमान पूरे, घोडी पर बैठा निकाली बारात
धामणगांव में वर और वधू घोडी पर एक साथ निकले
धामणगांव रेलवे/दि.03– बेटा-बेटी में भेद नहीं करनेवाले पुरोगामी विचारधारा वाले वधु पिता ने अपनी लाडली के ब्याह में दूल्हे के साथ-साथ लाडली बेटी की भी घोडे पर बारात निकाली. पुरूष प्रधान रूढी परंपरा को त्यागनेवाले वधु पिता सतीश कांबले द्बारा निकाली गई बेटी की बारात फिलहाल चर्चा का विषय बन गई है. विवाह की बात करें तो घोडे पर सिर्फ दूल्हा ही बैठता है, ऐसा रिवाज हमारे यहां है. यानि दूल्हा ही घोडे पर बैठे. ऐसी पुरूष प्रधान परंपरा अपने यहां सभी को पता है. लेकिन वधु पिता ने अपनी बेटी को भी घोडे पर बिठाकर धामणगांव में 2 मई को बारात निकाली.े
तहसील के नारगांवडी निवासी सतीश कांबले की बेटी वैष्णवी का विवाह अक्षय घाडगे (गांव करमाला, जि. सोलापुर) के साथ स्थानीय पसारी भवन में हुआ. बारात में घोडे पर दूल्हा बैठता है. ऐसा ही आज तक हम देखते आए है. लेकिन वधू पिता सतीश कांबले ने बेटे और बेटी में भेद नहीं करना है. ऐसा तय कर बेटी वैष्णवी को विवाह के पहले घोडे पर बिठाकर दूल्हे के साथ दूल्हन की बारात निकाली. शुरूआत में घोडे पर बैठने से वैष्णवी जरा घबराई. लेकिन उसकी मां व बारातियों ने उसका हौसला बढाया. पिता की इच्छा को पूर्ण करना है इसलिए उसने हिम्मत दिखाई और दूल्हन घोडे पर सवार हुई. इस बारात में भी बैंडबाजा पटाखों की आतिशबाजी देखने को मिली. दूल्हन की बारात में रिश्तेदार व लोगों की भीड भी दिखाई दी. इस अनोखी बारात को आसपास के लोग आश्चर्य से देखते नजर आए.