रेडियो खगोल शास्त्र के जनक गोविंद स्वरूप का निधन
पुणे हिं.स./दि. ८– प्रसिध्द रेडियो खगोल विशेषज्ञ (Radio astronomer) व पुणे के नैशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रो फिजिक्स (NCRA) संस्था के संस्थापक संचालक डॉ. गोङ्क्षवंद स्वरूप का सोमवार की रात ९ बजे निधन हो गया. वे ९१ वर्ष के थे. कमजोरी व अन्य बीमारियों से ग्रस्त होने से उनका १० दिनों से निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था. उनका अंतिम संस्कार सोमवार की रात ११.३० बजे के करीब किया गया.
बता दे कि भारतीय रेडियो खगोल विशेषज्ञ के जनक के रूप में उनकी पहचान थी. उन्होंने खगोल शास्त्र के अभ्यास के समूह तैयार कर क्षेत्र में संशोधन को बढ़ावा दिया. पुणे शहर से ८० किमी दूरी पर आनेवाले खोडद नारायण गांव में उन्होंने विश्व की दूसरे नंबर की विशालकाय रेडियो दुर्बिन बनाने का काम किया. इलाहबाद विद्यापीठ से १९५० में विज्ञान संकाय की डिग्री प्राप्त कर अमेरिका के स्टैंडफोर्ड विद्यापीठ से पीएचडी हासिल की. होमी भाभा के न्यौते पर डॉ. गोविंद स्वरूप ने टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ फंटामेंटल रिसर्च में वर्ष १९६३ से खगोलशास्त्र विषय पर काम शुरू किया. उनके मार्गदर्शन में भारत की पहली आधुनिक रेडियो दुर्बीण मुंबई के नजदीक कल्याण परिसर में स्थापित की गई है. इस दुर्बीण की सहायता से सूर्य का निरीक्षण किया गया. इसके बाद डॉ. गोविंद स्वरूप ने दक्षिण भारत के उटी में रेडियो दुर्बीण की स्थापना की. गोविंद स्वरूप को पद्मश्री,भटनागर पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए है.