महाराष्ट्र

राज्य के १० जलाशय लबालब भरें

पिछले साल से ज्यादा हुआ जलसंचय

हिं.स./मुंबई – राज्य में मानसून शुरु होने के लगभग तीन महीने के बाद पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा मात्रा में जल संचय हुआ. जिससे राज्य के १० जलाशय लबालब भर गए. जिनमें शत प्रतिशत जलसंचय हुआ. विदर्भ के अन्य प्रकल्प शत प्रतिशत पानी से लबालब हो गए सोमवार को प्रदेश के जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के बडे-छोटे और मध्यम ३२६२ जलाशयों में ७१.२८ फीसदी पानी उपलब्ध है. पिछले साल इन जलाशयों में ६२.३८ फीसदी जलसंग्रह हुआ था. हाल की स्थिति में इन प्रकल्पों में ३६९३० दलघमी (१० लाख घनमीटर) पानी है. पिछले साल ४३.३६ फीसदी जलसंचय था.

अमरावती विभाग के जलाशयों में ६६.९८ फीसदी पानी है वहीं पिछले साल २९.५६ फीसदी जलसंचय प्रकल्प में था. औरंगाबाद विभाग के जलाशयों में ५८.३ प्रतिशत जलसंचय है. जबकि पिछले साल ३०.५४ प्रतिशत पानी उपलब्ध था. नासिक विभाग के जलाशयों में ६१.६१ प्रतिशत पानी है. जबकि यहां पिछले वर्ष ६६.६२ प्रतिशत पानी उपलब्ध है. पुणे विभाग के जलाशयों में ८०.९३ फीसदी पानी है. पिछले साल ८५.२७ प्रतिशत जलसंचय हुआ था. कोकण विभाग के जलाशयों में २१.०६ प्रतिशत जलसंचय हुआ है. पिछले साल यहां पर ८६.९६ प्रतिशत जलसंचय हुआ था. पिछले साल से ज्यादा इस साल राज्य के जलाशयों में जलसंचय हुआ है.

शतप्रतिशत जलसंचय वाले प्रकल्प

   जिला         जलाशय

  • चंद्रपुर             असोलामेंडा
  • गडचिरोली      दिना
  • नासिक           कडवा
  • नासिक           भीम बांध
  • कोल्हापुर        राधानगरी
  • पुणे                मुलशी टाटा
  • पालघर          कवडास बांध
  • ठाणे               निम्म चोडे
  • ठाणे               बारवी

राज्य के अन्य प्रकल्पों की स्थिति

  जिला        प्रकल्प      जलसंचय

  • भंडारा          गोसिखुर्द         ४९.५७ प्रतिशत
  • नागपुर        खिडसी            ३७.६५ प्रतिशत
  • नागपुर       वडगांव             ६०.०६ प्रतिशत
  • नागपु         तोतलाडोह        ९५.८६ प्रतिशत
  • नागपुर       नांद                  ६२.३६ प्रतिशत
  • नागपुर       कामठीखैरी       ९४.७२ प्रतिशत
  • औरंगाबाद   जायकवाडी      ७८.८१ प्रतिशत
  • बीड             माझलगांव       ७२.६६ प्रतिशत
  • हिंगोली       येलदरी             ९९.६५ प्रतिशत
  • नांदेड          निम्न मनार     ७७.४६ प्रतिशत

Related Articles

Back to top button