* कांग्रेस- राकांपा भी आएं साथ- आंबेडकर
मुुंबई/ दि. 23- ÷उध्दव ठाकरे की शिवसेना और बालासाहब आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी के गठबंधन की घोषणा बालासाहब ठाकरे की जयंती के मुहूर्त पर की गई. उध्दव ठाकरे ने यह घोषणा करते हुए कहा कि अब यहां से उनकी पार्टी का राजकीय सफर वंचित बहुजन आघाडी के एड. बालासाहब आंबेडकर के साथ रहेगा. सभी चुनाव मिलकर लडेंगे. उसी प्रकार देश में प्रजातंत्र की रक्षा के लिए वे वंचित आघाडी के साथ गठजोड कर रहे हैं. उधर आंबेडकर ने कहा कि राकांपा और कांग्रेस को भी हमारे साथ आना चाहिए.
शिवसेना तथा वंचित बहुजन आघाडी की युति हेतु पिछले अनेक माह से कोशिशे शुरू थी. बैठको के दौर हुए. जिसमें शिवसेना उबाठा की तरफ से सुभाष देसाइ, विनायक राउत, अरविंद सावंत, परब आदि लीडर्स सहभागी हुए. वंचित की तरफ से आंबेडकर के साथ ही प्रदेशाध्यक्ष और अन्य लीडर्स रहे. अमरावती जिले के युवानेता और वंचित के प्रदेश महासचिव नीलेश विश्वकर्मा उनमें प्रमुख रहे.
उध्दव ठाकरे ने आज संयुक्त पत्रकार परिषद में युति का ऐलान कर कहा कि आज शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की जयंती है. आज के दिन वे और प्रकाश आंबेडकर एकत्र आए है. राजनीति में जो चल रहा है. उस पर वार करने जान की बाजी लगा देनेवाले सहकारी एकत्र आए है. देश में प्रजातंत्र जीवित रखने हमारी एकता होने की बात भी उध्दव ने कही. उन्होंने कहा कि रात को सपना आया और हम साथ आ गए, ऐसा नहीं है. कांग्रेस और राकांपा के साथ चर्चा हुई है. अभी कौन कहां से लडेगा, यह समय नहीं आया है. समय आने पर सीटों का बंटवारा हो जायेगा. उन्होंने शिंदे-फडणवीस सरकार को चुनाव करवाने की चुनौती भी दी.
आंबेडकर ने कहा कि सत्ता का अमरपट्टा कोई लेकर नहीं आया है. नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व का भी अंत होगा. जहां-जहां प्रादेशिक दल अपना नेतृत्व खडा कर रहा है, वहां हम उनकी सहायता करेंगे. आंबेडकर ने आशा जताई कि कांग्रेस और राकांपा भी उनके साथ आयेगी. उन्होंने कहा कि शरद पवार के साथ पुराना झगडा है. खेती का नहीं, बल्कि नेतृत्व का झगडा है. राजनीति वे नीतिमत्ता पर करेंगे.
÷उध्दव ने कहा कि देश की जनता को संभ्रम में रखते हुए तानाशाही की तरफ कदम ताल हो रही हैं. लोकशाही जीवित रखने और संविधान की पवित्रता टिकाए रखने शिवसेना-वंचित की युति हो रही है. उन्होंने कहा कि गद्दारों और उनके पोषकों को वे चुनौती देते है कि राज्य में जल्द से जल्द चुनाव लें.