* प्राथमिक जांच के बाद तीन कर्मचारी निलंबित
नाशिक/दि.30– महाराष्ट्र स्वास्थ विज्ञान विद्यापीठ के तीन कर्मचारियों व्दारा विद्यार्थियों की तरफ से लिए जाने वाले ट्रांस्क्रिप्ट शुल्क में 1 करोड रुपए का घोटाला किए जाने की जानकारी सामने आई है. संबंधित कर्मचारियों को विद्यापीठ व्दारा एक माह पूर्व ही निलंबित किया गया है. अब उनकी विभागीय जांच शुरु की गई है. इस घोटाले का आंकडा बढने की संभावना दर्शायी जा रही है.
स्वास्थ विद्यापीठ के जरिए अभ्यासक्रम पूर्ण कर विदेश में शिक्षा के लिए जाने वाले विद्यार्थियों के लिए ‘ट्रांस्क्रिप्ट’ यह महत्वपूर्ण कागज है. इस ट्रांस्क्रिप्ट को मिलने के लिए विद्यार्थियों को विद्यापीठ के पास ऑनलाइन आवेदन दाखिल कर शुल्क भी अदा करना पडता है. इस शुल्क में विद्यापीठ के परीक्षा विभाग के तीन कर्मचारियों ने घोटाला करने की जानकारी सामने आई है. विद्यार्थियों व्दारा आवेदन दाखिल करने के बाद ट्रांस्क्रिप्ट मिलने के लिए अदा किया शुल्क नियमानुसार विद्यापीठ के खाते में जाना अपेक्षित है, लेकिन यह शुल्क परस्पर अपने खाते में मोडकर पिछले 2-3 साल में करीबन 1 करोड रुपए का घोटाला इन कर्मचारियों ने किया रहने का आरोप है. यह बात विद्यापीठ के प्रकाश में आने के बाद प्राथमिक जांच में संबंधित कर्मचारियों ने इस बात की लिखित कबूली दी. इस कारण एक माह पूर्व उन्हें निलंबित किया गया. पश्चात कुलगुरु लेफ्टनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. माधुरी कानिटकर के निर्देशानुसार इन तीनों कर्मचारियों की विभागीय जांच शुरु की गई है. संबंधित कर्मचारियों की विभागीय जांच पूर्ण होने के बाद ही एफआईआर दर्ज की जाएगी, ऐसा विद्यापीठ के सूत्रों ने कहा.
* ई-मेल के कारण खुलासा
एक विद्यार्थी के ई-मेल के कारण घोटाले का मामला उजागर होने की बात कही जा रही है. ट्रांस्क्रिप्ट के लिए आवेदन व शुल्क देने के बाद यह शुल्क विद्यापीठ के खाते में जमा न होते हुए अन्य खाते में जमा होने ेकी बात संबंधित विद्यार्थी के ध्यान में आई. इस बाबत उसने विद्यापीठ को ई-मेल किया. विद्यापीठ के जरिए जांच किए जाने पर यह घोटाला उजागर हुुआ