महाराष्ट्र

पांच महिने महंगी मिलेगी बिजली

ग्राहकों पर इंधन समायोजन का बोझ

* विद्युत नियामक आयोग ने दी मंजुरी
मुंबई/दि.9- कोयले के लगातार बढते दाम के साथ ही गरमी के मौसम दौरान उंची दरों पर बिजली खरीदी पर हुए खर्च की राशि को विद्युत ग्राहकों से इंधन समायोजन शुल्क के तौर पर वसूल करने को राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा मंजुरी दी गई है. ऐसे में जुलाई से नवंबर तक पांच माह के दौरान राज्य के विद्युत ग्राहकों को विद्युत दर वृध्दि का भार सहन करना पडेगा.
जानकारी के मुताबिक इन पांच माह के दौरान महावितरण के घरेलु विद्युत उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 65 पैसे से 2.35 रूपये, अदानी के ग्राहकों पर प्रति यूनिट औसत 92 पैसे तथा टाटा के ग्राहकों पर औसत 1.05 रूपये प्रति यूनिट का बोझ पडना है. यह वृध्दि जुलाई से नवंबर ऐसे कुल पांच माह के लिए ही लागू रहेगी. कोयले की बढती दरें और गरमी के मौसम में विद्युत किल्लत को दूर करने हेतु एवं लोडशेडिंग को टालने हेतु महंगी दरों पर की गई विद्युत खरीदी पर हुए खर्च को अब इंधन समायोजन आकार के जरिये वसूल करने को राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा मंजुरी दी गई है. जिसे जारी माह से ही अमल में लाया जा रहा है.
विद्युत की मांग और विद्युत आपूर्ति की दर का प्रारूप तैयार करते हुए राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा वार्षिक विद्युत दर निश्चित किया जाता है. लेकिन कई बार विद्युत निर्मिती के लिए प्रयोग में लाये जानेवाले कोयले के खर्च में अकस्मात वृध्दि होती है, तो कई बार बिजली की मांग को पूर्ण करने के लिए उंची दरों पर बिजली खरीदनी की नौबत आती है. ऐसे समय बढे हुए खर्च के साथ तालमेल बिठाने हेतु विद्युत ग्राहकों पर इंधन समायोजन आकार लागू करते हुए इस खर्च को वसूल किया जाता है. विगत चार माह के दौरान कोयले की दरें काफी उपर रही. साथ ही समूचे देश में विद्युत किल्लत पैदा होकर बाजार में बिजली की दरें तीन से चार गुना अधिक हो गई थी. इन सबके परिणाम स्वरूप मुंबई तथा उपनगरीय क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति करनेवाली टाटा पॉवर एवं अदानी इलेक्ट्रीसिटी सहित राज्य में विद्युत आपूर्ति करनेवाले महावितरण को इंधन समायोजन आकार के जरिये वृध्दिंगत खर्च वसूल करने की अनुमति दी गई है.
महावितरण को विद्युत आपूर्ति करनेवाली कंपनी को कोयले पर विद्युत उत्पादन करने हेतु ज्यादा खर्च करना पडा. साथ ही गरमी के मौसम में विद्युत आपूर्ति को सुचारू बनाये रखने हेतु नैशनल पॉवर ग्रीड के जरिये अन्य राज्यों से उंची दरों पर बिजली की खरीदी करते हुए विद्युत उपभोक्ताओं को आपूर्ति करनी पडी. ऐसे में विद्युत वितरण कंपनियों को करीब 5 हजार करोड रूपये का अतिरिक्त खर्च करना पडा है. जिसके चलते अब विद्युत नियामक आयोग ने यह राशि विद्युत उपभोक्ताओें से वसूल करने को अनुमति प्रदान की है. जिसके चलते जनवरी से नवंबर माह के दौरान इंधन समायोजन शुल्क के नाम पर यह राशि विद्युत उपभोक्ताओं से वसूल की जायेगी.

* औैद्योगिक ग्राहकों पर भी पडेगा बोझ
महावितरण के औद्योगिक ग्राहकों पर प्रति यूनिट 1 रूपये से 1.35 रूपये का इंधन समायोजन शुल्क लागू होगा. वहीं रेल्वे, मेट्रो व मोनो रेल्वे के लिए 80 पैसे से 1 रूपये 35 पैसे प्रति यूनिट का समायोजन शुल्क लगाया जायेगा. जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्तूबर व नवंबर इन पांच माह के दौरान ये इंधन समायोजन आकार वसूल किया जायेगा.

* महावितरण के घरेलू उपभोक्ताओं पर ऐसे लगेगा शुल्क
– प्रति माह 100 यूनिट तक 65 पैसे प्रति यूनिट
-प्रति माह 300 यूनिट तक 1.45 रूपये प्रति यूनिट
– प्रति माह 500 यूनिट तक 2.05 रूपये प्रति यूनिट
– प्रति माह 500 यूनिट से अधिक बिजली प्रयोग में लाने पर 2.35 रूपये प्रति यूनिट

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