महाराष्ट्र

बैंकों में अटकी पतसंस्थओं की सावधी जमा राशि

राज्य की सौ से अधिक पतसंस्था आर्थिक संकट में

  • निवेषकों का बुरा हाल

पुणे/दि.25 – राज्य की कुछ बैंकों पर आर्थिक पाबंदी लगा दिए जाने की वजह से सहकारी पतसंस्थाओं की 1 हजार करोड से भी अधिक रुपयों की सावधी जमा राशि बैंकों में अटक गई है. जिसकी वजह से राज्य की सौ से भी अधिक पतसंस्थाओं पर आर्थिक संकट छा गया है और इन पतसंस्थाओं में निवेष करने वाले निवेषक अपना पैसा वापस मांग रहे है.
पतसंस्थाओं में अधिकांश नौकरीपेशा, छोटे-मोटे व्यवसायी, फेरीवाले, हमाल, मजदूर आदि अपने पैसे डिपॉजीट करते है. कुछ पतसंस्थाओं ने गलत तरीके से कर्ज का वितरण किया था जिसकी वजह से पतसंस्थाएं परेशानी में आ गई है साथ ही गैरव्यवहार करने की वजह से रिजर्व बैंक की ओर से आर्थिक निर्बंध लगा दिए जाने की वजह से कुछ बैंक व पतसंस्थाएं व इसमें निवेश करने वाले सामान्य निवेशक परेशानी में आ चुके है. राज्य पतसंस्था फेडरेशन अध्यक्ष काका कोयटे तथा पदाधिकारियों ने तत्कालीन सहकार मंत्री से मुलाकात की थी तब बैंकों में किसान कर्ज माफी के पैसे जमा होने के पश्चात पतसंस्थाओं को सावधी जमा राशि वापस करने का आश्वासन दिया गया था किंतु पतसंस्थाओं को अभी भी जमा राशि नहीं दी गई.

इस प्रकार है स्थिति

* रिजर्व बैंक व्दारा आर्थिक पाबंदी लगायी गई पंजाब एडं महाराष्ट्र बैंकों में पतसंस्थाओं की 350 करोड रुपए की जमा राशि अटकी हुई है. जिसमें मुंबई, पुणे, नासिक, सातारा व कोल्हापुर जिले की 190 पतसंस्थाओं का समावेश है.
* पुणे की शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक 26 सहकारी पतसंस्थाओं की 80 करोड जमा राशि अटकी.
* नासिक जिला मध्यवर्ती बैंक में पतसंस्थाओं की 350 करोड रुपए की जमा राशि अटकी.
* सांगली जिले की वसंतदादा शेतकरी बैंक में भी पतसंस्थाओं की 150 करोड रुपए की जमा राशि अटकी.
* कुरुंदवाड की पाटिल बैंक, सातभाई मर्चंट बैंक में भी जमा राशि अटकी है.

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