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नरहरी झिरवल की अध्यक्षता में नहीं होगी फ्लोर टेस्ट

राज्यपाल कर सकते हैं अस्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति

मुंबई/दि.29– शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे द्वारा की गई बगावत के चलते विगत एक सप्ताह से राज्य में अच्छा-खास राजनीतिक घमासान चल रहा है. इस दौरान ‘वेट एन्ड वॉच’ की भूमिका में रहनेवाली भाजपा ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को सरकार द्वारा बहुमत सिध्द करने के संदर्भ में पत्र दिया. जिसके चलते राज्यपाल कोश्यारी ने कल 30 जून को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. लेकिन चूंकि इस समय विधानसभा का अध्यक्ष पद रिक्त पडा है. ऐसी स्थिति में उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल की अध्यक्षता में बहुमत को जांचा जा सकता है, ऐसा अब तक माना जा रहा था, लेकिन अब विधि विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि, बहुमत की निष्पक्ष जांच के लिए राज्यपाल द्वारा अपने विशेषाधिकारों का प्रयोग करते हुए अस्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति भी की जा सकती है. बता दें कि, राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने सीएम उध्दव ठाकरे को पत्र जारी करते हुए 30 जून को बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने हेतु पत्र दिया है. वहीं इससे पहले न्या. केहर की संविधान पीठ ने सभागृह के मौजूदा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित रहते समय उनकी बजाय अस्थायी अध्यक्ष द्वारा बहुमत जांच हेतु विधानसभा के अधिवेशन का काम संभालने का निर्णय लिया था. इस फैसले का आधार लेते हुए राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी द्वारा बहुमत जांच हेतु अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर सदन के किसी सर्वाधिक सदस्य को अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है. ऐसे में अब सभी की निगाहें कल होने जा रहे विधानसभा के विशेष सत्र की ओर लगी हुई है.

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