महाराष्ट्र

प्लास्टिक की बेकार थैलियों से रंगीन चटाइयां बना रही फूड आर्मी

कचरे का बोझ कम करने का ये है इको फ्रेंडली तरीका

मुंबई/दि. 7 – प्लास्टिक कचरा पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर दुनियाभर के देशों की सरकारें मानक तय करती हैं, कड़े नियम बनाती हैं. लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है जन भागीदारी. अक्सर हम सभी सोचते हैं कि मेरे एक के चाहने से, करने से क्या होगा, लेकिन हम अपने भर प्रयास तो कर ही सकते हैं.
मुंबई की ‘फूड आर्मी’ का ही उदाहरण देख लीजिए. पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा माने जाने वाले प्लास्टिक कचरे को कम करने का इन्होंने एक इको फ्रेंडली तरीका निकाला है. इससे कचरा भी कम हो रहा है और नई चीजों का सृजन भी. यही नहीं, इस पहल से कमाई का रास्ता भी खुला है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

दरअसल, मुंबई के कुछ जागरूक लोगों के एक समूह ने ‘फूड आर्मी’ बनाई है, जिसने पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने का बीड़ा उठाया है. एक डेमो मिशन के रूप में फूड आर्मी के 1,000 से अधिक सदस्यों के एक समूह ने प्लास्टिक बैग का उपयोग करके 6 फीट और तीन फीट की चटाई बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया है. इससे रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं.
खास बात यह है कि इस ‘फूड आर्मी’ को 6 महिलाओं की एक कोर टीम द्वारा संचालित किया जाता है. ‘फूड आर्मी’ के सदस्य इस्तेमाल किए हुए प्लास्टिक बैग्स से बेघर और जरूरतमंदों के लिए चटाई, गद्दे, तैयार कर रहे हैं. इससे एक ओर जहां महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर प्लास्टिक के कचरे को कम करने और पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य में सहभागिता भी हो रही है. इस पहल की शुरुआत कुछ महीने पहले शहरभर से प्लास्टिक इकट्ठा करने के अभियान से हुई थी.

स्वयंसेवकों ने मुंबई के 50 केंद्रों से हर महीने अभियान चलाकर पॉलीथिन बैग, किराने की पैकेजिंग बैग और रैपर इत्यादि इकट्ठे किए. फिर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महिलाओं को चटाई बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. एकत्रित प्लास्टिक को शॉर्ट किया गया, धागे के रूप में काटा गया और बुनाई कर 6 फीट और तीन फीट की चटाई में परिवर्तित किया गया.
इस पहल की एक और अच्‍छी बात यह है कि प्लास्टिक कचरे से बनी चटाइयों को बेघरों और जरूरतमंद परिवारों के बीच मुफ्त दिया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फूड आर्मी ने 2014 में प्राकृतिक आपदा के शिकार लोगों तक पहुंचकर, उन्हें घर का खाना देकर अपना कार्य शुरू किया था. कारवां आगे बढ़ा और इन लोगों ने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जरूरतमंदों को भोजन और अनाज मुहैया कराना शुरू किया और अब फूड आर्मी की योजना इस अभियान को मुंबई से बाहर अन्य क्षेत्रों में भी पहुंचाने की है.
यह प्रयास है लोगों की मदद करने का है. साथ ही साथ पर्यावरण की रक्षा करने का एक अनूठा तरीका भी है. इसलिए फूड आर्मी लोगों को अपने प्लास्टिक के कचरे को विभिन्न तरीकों से निपटान कर, उसे दोबारा इस्तेमाल योग्य बनाने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों को जागरूक बनाती है.

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