महाराष्ट्र

मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे पूर्व गृहमंत्री

ED करेगा शीर्ष अदालत से अपील

 मुंबई/दि. 25 – प्रवर्तन निदेशालय (ED) कल शीर्ष अदालत से यह अपील कर सकता है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में कोई भी राहत नहीं दी जाए. सूत्रों के हवाल से खबर है कि कल ईडी शीर्ष अदालत को सूचित करेगा कि अनिल देशमुख और उनका परिवार उनके खिलाफ समन जारी होने के बावजूद जांच में शामिल नहीं हुआ है. अनिल देशमुख को तीन समन मिले हैं, लेकिन एक बार भी जांच में शामिल नहीं हुए हैं.
साथ ही ईडी यह भी बताएगा कि बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने तलोजा जेल में दर्ज अपने बयान में पुष्टि की है कि उसने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री की ओर से धन एकत्र किया था. ईडी ने देशमुख और उनके परिवार की 4.7 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की है जो अवैध तरीके से अर्जित आय है. ईडी यह कोर्ट को बताएगा कि बार मालिकों से जबरन वसूली या संग्रह से पैसा मुखौटा कंपनियों को दिया गया और फिर नागपुर स्थित एक ट्रस्ट में स्थानांतरित कर दिया गया. ऐसे में ईडी अदालत से यह अपील करेगा कि देशमुख या उसके परिवार को कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए.

  • अनिल देशमुख ED द्वारा संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए SC गए थे

बता दें  कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने तीन हफ्ते पहले  ईडी के द्वारा की जाने वाली किसी भी संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने अदालत से मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनके ख़िलाफ़ चल रही जांच में किसी भी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी. ईडी ने पूछताछ के लिए देशमुख को तीन बार समन भेजा था लेकिन देशमुख अपनी सेहत का हवाला देकर इससे बचते रहे.
कोर्ट को महाराष्ट्र सरकार द्वारा की गई एक और अपील पर निर्णय लेना है. महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से दो पैराग्राफ हटाने की अपील की है. सरकार का यह मानना है कि ये पैराग्राफ सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से जोड़े गए हैं. इसी एफआईआर के बाद अनिल देशमुख ने नैतिक आधार पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने CBI को निर्देश दिया था कि वह परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए 100 करोड़ के हफ्ता वसूली मामले की प्रारंभिक जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करे. सीबीआई ने इस संबंध में अनिल देशमुख के खिलाफ  भ्रष्टाचार निरोधक कानून (Prevention of Corruption Act) के तहत एफआईआर दर्ज किया.

  • इससे पहले HC ने CBI द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इंकार किया

ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर अदालत क्या फैसला सुनाती है, इस पर नजरें रहेंगी. लेकिन इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को गुरुवार को रद्द करने से इनकार कर दिया.अदालत ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी की जांच जारी है और ऐसे में इस चरण में अदालत का कोई भी हस्तक्षेप ठीक नहीं है. देशमुख ने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में अपने ऊपर चल रही  CBI जांच को रद्द करने की मांग की है.
उच्च न्यायालय ने देशमुख के उस अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपील दायर करने के लिए समय दिए जाने की खातिर फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया था. देशमुख ने यह भी तर्क दिया था कि उनके खिलाफ चल रही सीबीआई जांच अवैध है, क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने उन पर मुकदमा चलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से पूर्व मंजूरी नहीं ली है. मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वकील जयश्री पाटिल की शिकायत पर जांच शुरू की गई थी.

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