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धनुष्यबाण फ्रीज करें

शिंदे गुट की सुको में मांग

* अगली सुनवाई 27 तक टली
* मामला राज्य के सत्ता संघर्ष का
मुंबई/दि.7 – शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने आज पैतरा बदलकर पार्टी के चुनाव चिन्ह धनुष्यबाण को फ्रीज करने की मांग सर्वोच्च न्यायालय में कर दी. अदालत ने उनकी मांग पर फिलहाल कोई आदेश चुनाव आयोग को नहीं दिया हैं. उसी प्रकार महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष का मसला अगली सुनवाई के लिए 27 सितंबर तक टाल दिया. जिससे सरकार के रहने या ना रहने का निर्णय अब नवरात्री में होने की संभावना हैं. बता दें कि, शिवसेना से अलग हुए एकनाथ शिंदे गुट ने राज्य मेें भाजपा के साथ मिलकर सत्ता बदल दी. ऐसे में उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग याचिका के माध्यम से कर रखी हैं. दूसरी तरफ शिंदे गुट ने ही अपने आपको असली शिवसेना का दावा किया हैं. दोनों पक्षों की अर्जी पर विशेष संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई हो रही हैं.
* बढ सकता है संघर्ष
शिंदे गुट द्बारा धनुष्यबाण चुनाव निशानी पर रोक लगाने की मांग से दोनों पक्षों मेें संघर्ष बढने की संभावना जानकारों ने व्यक्त की हैं. अब तक शिंदे गुट स्वयं को अलसी शिवसेना और धनुष्यबान निशानी पर दावा किया था. अब वह चिन्ह फ्रीज कर देने की मांग से अनेक लोग आश्चर्य चकीत रह गये हैं. आगामी चुनाव के मद्देनजर उक्त मांग शिंदे गुट के वकील कौल ने की.
* क्या कहा ठाकरे के वकील ने
उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से पैरवी कर रहे एड. सिंघवी ने शिंदे गुट की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, पहले विधायकों की सदस्यता रद्द करने के बारे में निर्णय होना चाहिए. क्योंकि जो लोग चुनाव आयोग के पास दाद मांगने गये हैं, वे अपात्र ठहराए जा सकते हैं.
* सुप्रीम कोर्ट का आकलन
सुको न्यायमूर्ति धनंजय चंद्रचुड ने कहा कि, इस बारे में 27 सितंबर को कोर्ट अपनी राय रखेंगी. चुनाव आयोग की तरफ से अदालत में कहा गया कि, चुनाव निशानी के बारे में हमारे पास प्रकरण लाने पर उस पर निर्णय लेने कोर्ट बाध्य है. यदि विधायक अयोग्य ठहराये जाते हैं, तो भी वे केवल विधानमंडल से अपात्र होगे, राजनीति से नहीं. चुनाव निशानी के मसले का विधायकों की योग्यता-अयोग्यता के बारे में लेना-देना नहीं. हमारे कामकाज पर उसका परिणाम नहीं होगा. न्यायमूर्ति चंद्रचुड के निर्णय से उद्धव गुट को फिलहाल राहत मानी जा रही हैं. अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी. तब तक नवरात्री का उत्सव आरंभ हो चुका होगा.

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