* राज्य में बदरिला मौसम बना रहने का अनुमान
मुुंबई/दि.21– पश्चिमी चक्रावात की वजह से ईशान्य की ओर से बह रही ठंडी हवाओं के चलते राज्य में अगले कुछ दिनों तक मौसम कुछ हद तक सर्द रहेगा. साथ ही आगामी 25 जनवरी से एक बार फिर कडाके की ठंड पड सकती है. साथ ही मौसम में होनेवाले बदलावों की वजह से कोंकण सहित राज्य के अन्य कई इलाकों में 22 से 24 जनवरी के दौरान हलके व मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना है. जिसकी वजह से ठंडी का स्तर बढ सकता है.
मौसम वैज्ञानियों के मुताबिक अफगाणिस्तान से आनेवाली पश्चिमी चक्रावाती हवाओं की वजह से इस समय उत्तर भारत में मौसम काफी सर्द है. ऐसे में ईशान्य की ओर से चल रही हवाओं की वजह से राज्य के न्यूनतम तापमान में कमी आयी है. वहीं आसमान खुला रहने और धूप खिली रहने की वजह से अधिकतम तापमान का स्तर कुछ उंचा उठा है. किंतु अगले दो-तीन दिन के दौरान मौसम में बदलाव आकर वातावरण बदरीला रह सकता है और कुछेक स्थानों पर हलकी व मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना बनी हुई है. जिसकी वजह से ठंड का स्तर और अधिक बढ सकता है तथा 25 जनवरी से राज्य में चहुंओर कडाके की ठंड पड सकती है.
* मौसम में बदलाव के चलते राज्य में 20 फीसद मौतें
– चक्रावात, अतिवृष्टि व बेमौसम बारिश का असर
विगत वर्ष मौसम में लगातार होते बदलाव का सर्वाधिक दुष्परिणाम राज्य में देखा गया. मौसम में बदलाव की वजह से वर्ष 2021 के दौरान समूचे देश में 1 हजार 750 मौतें हुई. जिसमें से सर्वाधिक 20 फीसद मौतें अकेले महाराष्ट्र राज्य में हुई है.
उल्लेखनीय है कि, मौसम में बदलाव की गति दिनोंदिन तीव्र होती जा रही है तथा चक्रावात, अतिवृष्टि, बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि जैसी घटनाएं लगातार घटित हो रही है. देशभर में मौसम को लेकर होनेवाले तीव्र बदलावों की वजह से गत वर्ष 1 हजार 750 लोगों की मौत हुई. जिसमें से 43 फीसद मौतें बाढ की वजह से तथा 45 फीसद मौतें बादल फटने व गाज की चपेट में आने की वजह से हुई है. इसमें भी सर्वाधिक नुकसान महाराष्ट्र राज्य में देखा गया. क्योंकि वर्ष 2021 के दौरान महाराष्ट्र में बाढ व बारिश की स्थिति सर्वाधिक चिंतनीय रही.
भारतीय मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र राज्य के 30 से अधिक जिलों में बाढसदृश्य स्थिति बनी और राज्य को चक्रावाती व तूफानी हवाओं का भी सामना करना पडा. वर्ष 2021 में गुलाब व तौक्ते जैसे चक्रावातों सहित राज्य में बाढ व गाज गिरने का प्रमाण काफी अधिक था. जिसके परिणाम स्वरूप राज्य में करीब 350 लोगों की जाने गई. इसके तहत बाढ में 215, बादल फटने व गाज गिरने के चलते 76, गुलाब व तौक्ते चक्रावात में 56 तथा शीतलहर, ओलावृष्टि व आंधी तूफान की वजह से 3 लोगों की मौत हुई. ऐसे में कहा जा सकता है कि, विगत वर्ष प्राकृतिक आपदाओं की वजह से महाराष्ट्र को काफी अधिक नुकसान का सामना करना पडा.