पहली से आठवीं के विद्यार्थियों के लिए आगामी शैक्षणिक वर्षो से
राज्य की शालाओं में ‘आनंददायी शनिवार’ उपक्रम
पुणे/ दि.18– शिक्षा विभाग की ओर से राज्य की शाला में चलाए जानेवाले उपक्रम में अब ‘आनंददायी शनिवार’ इस नये उपक्रम में जोर दिया गया है. आगामी शैक्षणिक वर्षो से राज्य मंंडल की सभी शालाओं के पहली से आठवीं के विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक शनिवार को यह उपक्रम चलाया जा रहा है.
इसका शासन निर्णय जारी हुआ है . तर्कसंगत विचार के साथ ही सहानुभूति, साहस, वैज्ञानिक चिंतन, रचनात्मक कल्पना शक्ति, नैतिक मूल्य रहनेवाले उत्तम मनुष्य का विकास यह नया राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति का महत्वपूर्ण उद्देश्य है. हाल ही में विद्यार्थियों को उदासीनता, तनाव, निराशा का सामना करना पडता है.
इस पृष्ठभूमि पर विद्यार्थियों को खुशी की अथवा सहानुभूति की आवश्यकता होती है. इस अनुसार ‘आनंददायी शनिवार’ यह उपक्रम सभी शाला में चलाने पर विद्यार्थियों की शिक्षा के प्रति रूचि बढती है. जिसका विद्यार्थियों की योग्यता पर अच्छा ही परिणाम होगा तथा विद्यर्थियों की गलतियां और अनुत्तीर्ण होने के प्रमाण कम होंगे. विद्यार्थियों का मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षित रखकर उसका उत्तम अध्ययन होगा. इस उद्देश्य से राज्य मंडल की सभी शाला में पहली से आठवीं के विद्यार्थियाेंं के लिए यह उपक्रम चलाने के लिए दखल ली गई है. राज्य में यह उपक्रम चलाने के लिए शिक्षा आयुक्त और राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण परिषद के संचालक ने एकत्र रूप से रूप रेखा तैयार करने के निर्देश दिए है.
विद्यार्थियों का मानसिक स्वास्थ उत्तम रखना, विविध कौशल्य विकसित करना, विद्यार्थियों को तनाव के वातावरण से दूर कर विद्यार्थियों को सक्षम बनाना, संभाषण कौशल्य विकसित करना, निराशा पर मात करने की क्षमता निर्माण करने, खेल खेल के वातावरण में विद्यार्थियों को सीखने की तैयारी करना इस उपक्रम का उद्देश्य है. इस उपक्रम में प्राणायाम, योग, ध्यान धारणा, श्वसन तंत्र, आपत्ति व्यवस्थापन के मूल तत्व और व्यावहारिक प्रशिक्षण, स्वयं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उपाय योजना, समस्या निराकरण की तंत्रे, कृि, खेल इस पर आधारित उपक्रम, रिश्ते संबंध में बनाने के कौशल्य आदि का समावेश है.
शाला में केवल पढाई ही होती है. जीवन कौशल्य की पहचान विद्यार्थियों को होने के लिए इस उपक्रम में जीवन कौशल्य के विविध अंग शामिल किए जायेंगे. इस उपक्रम के अतिरिक्त कुछ नये उपक्रम चलाने की छूट शालाओं को दी है. विद्यार्थियों को सक्षम नागरिक बनाने के लिए यह उपक्रम है.