
धामणगांव रेल्वे /दि.7 – वेतन वृद्धि सहित अन्य प्रलंबित मांगों को लेकर पोषाहार कामगारों में अब आंदोलन का मार्ग अपनाया है. इसके तहत शुक्रवार 7 और 8 मार्च को दो दिवसीय हडताल पर वे चले गये है. प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत स्कूल पोषाहार कर्मचारियों ने यह घोषणा की है. इसके चलते राज्य की शालाओं में स्कूली पोषाहार 7 और 8 मार्च को नहीं पकाया जाएगा. इस दिन संगठन द्वारा मोर्चा निकाला जाएगा.
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत रसोईये और सहायक पिछले कई साल से 2500 रुपए यानि 83 रुपए प्रतिदिन के मामूली वेतन पर पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने का काम कर रहे है. केंद्र सरकार ने 2018 से वेतन में एक रुपए की भी बढोत्तरी नहीं की है. हर दिन खाना बनाते समय मजदूरों को इंधन से लेकर सब्जी और अनाज की गुणवत्ता तक कई समस्याओं का सामना करना पड रहा है. बार-बार अनुरोध करने के बावजूद लंबित मांगों को लेकर मजदूरों ने 7 और 8 मार्च को दो दिवसीय हडताल का आवाहन किया है. जिसमें तत्काल एक हजार रुपए की बढोत्तरी करने की मांग की है. अपनी मांग को लेकर रसोईया और सहायिकाओं ने पंचायत समिति को ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर जुना धमाणगांव से संगीता चौधरी, पद्मा नेवारे, वनीता शेलार, स्मीता सोनवने, सुनीता व्यावरे और अन्य उपस्थित थे.
* बीमा दिया जाए
यदि खाना पकाते समय कोई दुर्घटना हो जाती है, तो हमें बीमा द्वारा कवर नहीं दिया गया है. झाडू लगाने से लेकर शौचालय साफ करने तक कम वेतन में काम करना पडता है. सरकार को न्यूनतम वेतन अधिनियम के अनुसार न्यूनतम वेतन 15 हजार रुपए दिया जाये, सरकारी नियमों के मुताबिक उन्हें सरकारी सेवा में शामिल किया जाये तथा अन्य संवर्गों की तरह रसोईयों व हेल्परों को भी बीमा कवर व वर्दी दी जाये.
– संगीता चौधरी,
पोषाहार कामगार संघ,
धामणगांव रेल्वे.