लॉकडाउन से पूर्व वेतन नहीं पाने वालो को पूरे वेतन का आदेश लागू नहीं
उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय.
मुंबई- कंपनी व कारखाना मालिकों ने लॉकडाउन के दौर में कर्मचारियों व कामगारों के वेतन में कटौती न करते हुए उन्हे पूरा वेतन देने का केंद्र व राज्य सरकार ने आदेश दिया है. लेकिन लॉकडाउन के पूर्व कई दिनों से वेतन नहीं पाने वाले लोगों पर आदेश लागू नहीं हो सकता यह महत्वपूर्ण निर्णय मुंबई उच्च न्यायालय ने दिया है. बता दे कि यदि कोई कर्मचारी अथवा कामगार किसी भी कारण के बगैर सेवा में नहीं है और उसे लॉकडाउन घोषित होने से पहले उसे एक वर्ष तक वेतन नहीं दिया गया है. फिर भी उसे केंंद्र व राज्य सरकार ने लॉकडाउन के संदर्भ में दिए गए आदेश का आधार देकर वेतन का लाभ दिया जा सकता है क्या इसका जवाब नहीं ही है. सेवा में रहने वाले कर्मचारी व कामगारों को लॉर्कडाउन के दौर में वे ड्यूटी होने का गृहित मानकर उनको पूरा वेतन दिया जाए. यह आदेश राज्य सरकार ने ३१ मार्च को दिए है. इसलिए वेतन शुरु रहने के लिए और सेवा में रहने का गृहित रखने के लिए संबंधित कर्मचारी व कामगारों ने लॉकडाउन घोषित होने से पूर्व जनवरी, फरवरी महिने तक वेतन प्राप्त करना आवश्यक है. न्यायमूर्ति उज्जवल भुयान व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने प्रिमियर लिमेटेड कंपनी व प्रिमियर एम्प्लाइज यूनियन के विवाद में यह स्पष्ट निर्देश दिए है. पिंपरी चिंचवड के प्रिमियर लिमेटड कंपनी ने मई २०१९ से कर्मचारी व कामगारों को वेतन देना बंद किया. इसके अलावा इस वर्ष ३ मार्च से उत्पादन रोकने की घोषणा कर सभी कर्मचारी कामगारों को नोटिस दिए थे.