पालिका के सीमा क्षेत्र से फुरसुंगी, उरूली देवाची बाहर नहीं
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी
मुंबई/दि.21-पुणे के फुरसुंगी व उरूली देवाची ये दो गांव पुणे महापालिका से हटाए नहीं गए है. इस संदर्भ में अब तक अंतिम अधिसूचना निकाली नहीं गई, यह जानकारी राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को सोमवार को दी. अंतिम अधिसूचना कानून के दायरे में ली जाएगी, ऐसा राज्य सरकार ने इस समय न्यायालय से कहा है.
फुरसुंगी व उरूली देवाची, यह दो गांव पुणे महापालिका की सीमा से हटाने संबंध में राज्य सरकार के मार्च 2023 के निर्णय को रणजीत रासकर व अन्य कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. इस याचिका पर सुनवाई मुुख्य न्यायाधीश देवेंद्रकुमार उपाध्याय व न्या. अरिफ डॉक्टर के खंडपीठ के समक्ष थी. मनपा का कार्यकाल फरवरी 2022 में समाप्त होने से पालिका पर आयुक्त की ही प्रशासक के रूप में नियुक्ति की गई है. और गांव हटाने का निर्णय उनसे सलाह-मशवरा कर लिया गया है. कानून के नुसार पालिका की महासभा से सलाह-मशवरा किए बिना सरकार यह निर्णय नहीं ले सकती. प्रशासक के साथ किया सलाह-मशवरा कानून को अभिप्रेत रहने वाले सलाहमसलत नहीं, ऐसा युक्तिवाद याचिकाकर्ता के वकील ने किया. राज्य के महाअधिवक्ता वीरेंद्र सराफ ने राज्य सरकार ने गांव हटाने संबंध में सरकार ने अधिसूचना नहीं निकालने की जानकारी खंडपीठ को दी. अंतिम अधिसूचना जारी करने से पूर्व सभी कानूनी प्रक्रियाओं की पूर्तता करेंगे, तथा आवश्यकता पडने पर सुनवाई करेंगे, यह आश्वासन महाअधिवक्ता सराफ ने दिया. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई दी और याचिकाकर्ताओं को 10 दिन में पालिका को ज्ञापन पेश करने के निर्देश दिए.