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मंत्रालय से हटा दिये गाडगे बाबा के दससूत्र

लोनिवि के अधिकारी ने किया कन्फर्म

* उद्धव सरकार का फैसला शिंदे ने बदला
मुंबई./दि.28 – पूर्ववती महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार के एक के बाद एक अनेक निर्णयों को बदलने अथवा रद्द करने की कडी में शिंदे-फडणवीस सरकार ने अमरावती के पूज्य संत गाडगे महाराज की दससूत्री का संगमरमर का पट्ट मंत्रालय के प्रवेश द्बार से हटवा दिया. जिस पर अमरावती जिले में विशेष रुप से तीखी प्रतिक्रिया देखने-सुनने में आ रही है. संत गाडगे बाबा को समाज में स्वच्छता और चारित्रवान पीढी के निर्माण के लिए जाना जाता है. उनके असंख्य अनुयायी है. यहां तक कि, अमरावती विश्व विद्यालय को गाडगे बाबा का नाम लेकर गौरव बढाया गया है. इसलिए अमरावती के लोग प्रश्न कर रहे है कि, जब एक विद्यापीठ को गाडगे बाबा का नाम दिया जा सकता है, तो मंत्रालय से उनके दससूत्र का नाम पट्ट क्यों हटाया गया? ऐसे ही जिले के बडे नेता तथा पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने इस बारे में सीधे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात कर तुरंत वह फलक दोबारा लगवाने की पुरजोर मांग करने की प्रतिक्रिया दी.
* उद्धव ठाकरे ने लगवाया था
महाविकास आघाडी सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे ने मंत्रालय के प्रवेश द्बार पर संत गाडगे बाबा के दशसूत्र का फलक लगवाया था. उन्होंने प्रण व्यक्त किया था कि, आघाडी सरकार गाडगे बाबा के दससूत्रों के अनुरुप काम करेेगी. समारोह पूर्वक इस फलक का अनावरण उस समय किया गया था. मंत्रालय में आने वाले लोगों को यह दस सूत्र का फलक प्रेरणा दे रहा था.

* कौनसे हैं दस सूत्र
भूखे को अनाज, प्यासे को पानी, नग्न को वस्त्र, गरीब बच्चों को शिक्षा हेतु मदद, बेघर को घर, आश्रय, अंध-दिव्यांग को औषधोपचार, बेकार को रोजगार, पशु पक्षी – मूक प्राणी को अभय, गरीब युवक-युवती के विवाह और दुखी-निराश को हिम्मत.
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* कांग्रेस नेता एडतकर ने किया धिक्कार
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दिलीप एडतकर ने दस सूत्री हटाने का तीव्र धिक्कार किया और बगैर समय गवाये दस सूत्री वैसे ही दोबारा लगाने की जोरदार मांग की. एडतकर ने कहा कि, अमरावती संत गाडगे बाबा की कर्मभूमि है. अमरावती के पालकमंत्री के नाते देवेंद्र फडणवीस को शिंदे सरकार की लगाम हाथ में लेकर गाडगे बाबा की दस सूत्री जहां थी, वहीं लगाने के आदेश देने की मांग की. उन्होंने कहा कि, एक तरफ फडणवीस शालाओं से सरस्वती के फोटो हटाने तैयार नहीं है. दूसरी तरफ शिंदे सरकार गाडगे बाबा के दस सूत्र हटा देती है. यह अत्यंत निषेधार्ह बात है. यह सरकार दस सूत्री की बजाय दहशत सूत्री लादने पर आमादा रहने का आरोप भी एडतकर ने किया. उन्होंने बडे बहुत कडे शब्दों में कहा कि, गाडगे बाबा की दस सूत्री में भूखे को अन्न और नग्न को वस्त्र था. जबकि भूखे को खोके और नंगों को राजवस्त्र मिलने से दस सूत्र हटा दिये गये है. इस तरह का कडा ताना एडतकर ने लगाया.

* आसाराम को मानने वाले सत्ता में
शहर के पूर्व विधायक और कांग्रेस के बडे नेता डॉ. सुनील देशमुख ने भी गाडगे बाबा की दस सूत्री हटाने के निर्णय पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि, गाडगे बाबा ने पूरे देश को स्वच्छता और बच्चों को पढाने की सीख दी. जबकि नई सरकार आसाराम बापू और ऐसे ही फ्राड महाराज को मानने वाली लोगों की है. इनसे और अपेक्षा भी क्या की जा सकती है. गाडगे महाराज ने लोगों को शादी ब्याह में ज्यादा आडंबर और खर्च न करने की सोच व सलाह दी. उसकी बजाय बच्चों की पढाई-लिखाई पर ध्यान देने व खर्च करने का संदेश दिया था. उनके दस सूत्रों को मंत्रालय से हटा देना सचमुच शर्मनाक है.
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* सीएम से बात करुंगा
प्रदेश के मंत्री रह चुके बच्चू कडू ने गाडगे बाबा के प्रति अपार श्रद्धा जताते हुए उनके दस सूत्र के फलक को मंत्रालय से हटाने के निर्णय का विरोध किया. कडू ने कहा कि, इस बारे में वे जल्द ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात करेेंगे. उनसे वह दस सूत्र फलक दोबारा लगाने का अनुरोध करेंगे. फलक दोबारा मंत्रालय में ही अवश्य लगाया जाएगा. ऐसा भी बच्चू कडू ने विश्वास दिलाया.
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* इनसे अपेक्षा नहीं कर सकते
कांग्रेस शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत ने कहा कि, हमारे प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने सही कहा कि, यह सरकार महाराष्ट्र की है ही नहीं. इनसे महाराष्ट्र के हित में निर्णय की अपेक्षा करना ही गलत होगा. जीवन भर दीनदुखियों की सेवा करने वाले और लोगों को अंधविश्वासों से दूर रखने वाले गाडगे बाबा की दस सूत्री मंत्रालय से हटाना, सर्वथा गलत है. मगर शिंदे सरकार से उनकी अच्छे कामों को लेकर अपेक्षा भी नहीं है.

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