महाराष्ट्र

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बांग्लादेशियों को नागरिकता दिलवानेवाले गिरोह का पर्दाफाश

मुंबई पुलिस की कार्रवाई

मुंबई/दि.२- मुंबई पुलिस ने साकीनाका इलाके में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बांग्लादेश के नागरिकों को यहां की नागरिकता दिलाता था. इस मामले में मुम्बई पुलिस ने 3 बांग्लादेशी नागरिकों और 2 एजेंट्स को गिरफ्तार किया है. लेकिन सबसे चौकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने एक एजेंट के पास से ओवैसी की पार्टी एमआईएम के दो विधायकों के लेटर हेड भी बरामद किया है, जिसकी जांच की जा रही है. एक तरफ जहां बिहार चुनाव के दौरान एनआरसी को लागू करने का मुद्दा फिर से गर्म हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ मुम्बई पुलिस के हाथ दो ऐसे एजेंट्स लगे हैं, जो अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेज के जरिये यहां की नागरिकता दे रहे थे. गिरफ्तार एजेंट्स में से एक के पास से AIMIM दो विधायकों के लेटर हेड मिलने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है. पुलिस को शक है कि विधायकों के इन लेटर हेड का इस्तेमाल फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए किया जाता था. जिन विधायकों के लेटर हेड पुलिस ने बरामद किए हैं, उनके नाम मुफ़्ती मोहम्मद इस्माइल और शेख आसिफ शेख रसीद हैं. हालांकि ये लेटर हेड नकली हैं या असली, उसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है. मुम्बई पुलिस के प्रवक्ता चैतन्य एस ने बताया कि अब तक कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि लेटर हेड की जांच जारी है कि क्या वो असली हैं या नकली. ये एजेंट्स ही इन बांग्लादेशी नागरिकों को खाना-पानी मुहैया कराते थे.
जांच में अगर ये लेटर हेड सही पाए गए तो एएमआईएम के दोनों विधायकों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. नासिक और मालेगांव से गिरफ्तार किए गए दोनों एजेंटों के पास से पुलिस ने 155 आधार कार्ड, 34 पासपोर्ट, 28 पैनकार्ड, 8 राशन कार्ड, 187 बैंक और पोस्टल डिपार्टमेंट के पासबुक, 19 रबर स्टैम्प और स्कूल छोडऩे के 29 नकली लीविंग सर्टिफिकेट बरामद किए हैं. वही इस खुलासे के बाद बीजेपी नेता अतुल भातखलकर ने पूरे मामले की जांच NIA से कराने की मांग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से की है. उन्होंने कहा कि AIMIM के दोनों विधायकों की जांच होनी चाहिए और इसके लिए पूरा मामला NIA को सौंपा जाना चाहिये.
फिलहाल मुम्बई पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है. पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी हुई है कि और कितने एजेंट्स इस रैकेट में शामिल हैं, और कितने बाहरी लोगों को इस तरह से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता दी गई है.

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