महाराष्ट्र

शुल्क माफी की बकाया अंतरिम रकम संस्थाओं को दें

आर्थिक बोझ कम करने की दृष्टि से उच्च न्यायालय का राज्य सरकार को आदेश

मुुंबई/दि.14– आर्थिक बोझ कम करने की दृष्टि से शुल्क माफी की बकाया कुल 3,601,66 करोड रूपए अंतरिम रकम के रूप में शैक्षणिक संस्था को देने के आदेश उच्च न्यायालय ने सरकार को दिए है. आरक्षित प्रवर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क माफी देनेवाली विविध योजना के लिए मुख्य विभाग के रूप में काम करनेवाले उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने उस संबंध का प्रस्ताव मुख्य सचिव को भेजे. ऐसा आदेश न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने दिया है.

राज्य सरकार ने 2006- 07 इस शैक्षणिक वर्ष से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जमाती, विमुक्त जाति, भटक्या जमाती, अन्य पिछडे वर्ग, विशेष पिछडे वर्ग और आर्थिक दृष्टि से पिछडे वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क माफी दी है. इस योजना अंतर्गत सरकार शैक्षणिक संस्था को उनके शुल्क माफी की रकम वापस करती है. तथापि दीर्घ काल से शुल्क माफी की वापस रकम न दिए जाने पर मुद्दा उपस्थित कर बकाया शुल्क माफी वापस करने के लिए बिना अनुदानित अभियांत्रिकी महाविद्यालय, व्यक्तिगत संस्था सहित कुछ शैक्षणिक संस्थाओं ने उच्च न्यायालय में दौड लगाई थी.

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