महाराष्ट्र

विश्व स्तर पर सफल व्हीलचेयर मॉडल ‘अबोली’ ने दुनिया के सामने रखी मिसाल

कहा-‘हर किसी को दुख-दर्द, लेकिन हम जीना क्यों छोड दें’

* आज अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिन
* जन्म से यातनाएं झेलते हुए भी चेहरे पर रहती है मुस्कुराहट
* विकलांगता पर मात कर भरी उंची उडान
नागपुर/दि.4– छोटी-छोटी तकलीफों से आहत होकर जिंदगी से निराश होने वाले कई लोग आसपास नजर आते हैं. ऐसे में 21 वर्षीय अबोली’ ने विकलांगता पर मात कर पूरी दुनिया के सामने मिसाल रखी है. अबोली जन्म से यातना झेलते हुए भी चेहरे पर मुस्कुराहट लाती है. ईश्वर भी कितनी परीक्षा लेते है. जन्मजात दिव्यांग रहने के बाद भी अबोली ने हार न मानते हुए विश्व स्तर पर एक सफल व्हीलचेयर मॉडल बनकर दुनिया के सामने मिसाल रखी है.
जन्मत: मूत्राशय नहीं था, एक किडनी पूरी तरह खराब थी, दूसरी का आकार छोटा था. बीमारी के कारण उनके दोनों पैर खराब हो गए और कद भी मुश्किल से साढे तीन फीट रह गया, फिर भी अबोली ने अपनी किस्मत से लडाई की, स्नातक की उपाधि प्राप्त की और इतना ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर की व्हीलचेयर मॉडेल भी बनीं. अबोली विजय जरीत यह नामक लडकी सभी के लिए एक प्रेरणा बनी है. उम्र 21 साल, कद 3.4 फीट रहनेवाली अबोली से बातचीत करने पर ऐसा लग रहा था कि, एक बालिका बात कर रही हो. अबोली ने जीवन में मुस्कुराहट लाकर हर स्थिति का सामना किया. अबोली को जन्मत: मूत्राशय नहीं था. एक किडनी खराब है और दूसरी का आकार छोटा है. माता-पिता ने भी उसे बचाने की पूरी कोशिश की. जब वह 3 महीने की थी तो सर्जरी करानी पडी. फिजिकल एक्टिविटी ठीक से होनी चाहिए, इसलिए डॉक्टर ने ये कदम उठाया. लगातार लघुशंका होने के कारण उसे हर समय डायपर लगाना पडता है. इस बीमारी के कारण शरीर में लगातार दर्द रहता है.
* लगातार दर्द से जूझना पडता है
हड्डियां नहीं बढी इसलिए लंबाई नहीं बढी. इसके बाद और भी सर्जरी हुईं. अबोली लगातार इस दर्द को झेल रही हैं. इस स्थिति के कारण उन्हें स्कूल में प्रवेश भी नहीं मिल सका. काफी कोशिशों के बाद उन्हें एक स्कूल में दाखिला मिल गया, लेकिन वहां भी उन्हें परेशानी होती थी, वह उठना, बैठना और यहां तक कि चल भी नहीं पाती थी. इसलिए हमेशा व्हीलचेयर का सहारा लेना पडता था. ऐसी पीडा सहते हुए अबोली ने 10 वीं कक्षा में घर पर ही पढाई की और 65 फीसदी अंक हासिल किए. अबोली ने हाल ही में एक जन्मजात बीमारी के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की है, लेकिन उसने एक बडी चुनौती स्वीकारते हुए उंची उडान ली है.
* कई शो में गीतों की प्रस्तुति
अबोली अच्छे गाने गाती है. उन्होंने 2018 में सारेगामापा लिटिल चैंप, 2019 में इंडियन आइडल जैसे कई शो में गाने गाए. 2022 में लंदन में उन पर टूली बॉर्न डिफरेंट डॉक्यूमेंट्री और कुर्दिस्तान राष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री बनाई गई. अबोली 2021 में मिस व्हीलचेयर इंडिया फाइनलिस्ट और 2023 में भारत की दिव्यांग ग्लैमर विजेता हैं. आज वह विश्व स्तर पर सफल व्हीलचेयर मॉडल हैं. इतना कुछ सहने के बाद भी वह मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ मुलाकात करती है. ‘हर किसी को दुख है, शारीरिक दर्द है, लेकिन हम जीना क्यों छोड दें,’ ऐसा अबोली का कहना है. उनका यहीं जज्बा सभी के लिए प्रेरक हैं.

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