सरकार ने दी जिला बैंकोें की चुनाव प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति
15 माह से अटकी पडी थी चुनावी प्रक्रिया
मुंबई/दि.10 – महाराष्ट्र सरकार ने करीब 15 महिने बाद जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों की चुनाव प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है. अब बैंक मतदाता सूची तैयार कर सकेंगे. सहकारिता विभाग द्वारा सोमवार को जारी आदेश के अनुसार चुनाव प्रक्रिया जिस स्तर पर स्थगित की गई थी, वहीं से तत्काल शुरू करने के लिए कार्यवाही करनी होगी. गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण जनवरी 2020 में सहकारी बैंकों की चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी.
राज्य की सभी सहकारी संस्थाओं के चुनाव 31 अगस्त तक स्थगित किए गए हैं लेकिन जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को मतदाता सूची तैयार कर उस पर आपत्ति-सुझाव मंगाने और 15 दिन के भीतर अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करने में समय लग जाएगा. इसके मद्देनजर 31 अगस्त के पहले जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों की चुनाव प्रक्रिया जल्द पूरी करने कार्यवाही शुरू करने को कहा गया है. कई जिला मध्यवर्ती बैंकों के निदेशक मंडल की पांच वर्ष की अवधि खत्म हुए 15 महिने बीत चुके हैं. इसके पहले राज्य सरकार ने 27 जनवरी 2020 को किसानों के लिए महात्मा ज्योतिराव फुले किसान कर्ज मुक्ति योजना लागू करने के लिए जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों व प्राथमिक कृषि सहकारी पतसंस्था के चुनाव तीन महिने के लिए स्थगित कर दिए थे. इसके बाद कोरोना के कारण चुनाव 31 अगस्त 2021 तक के लिए स्थगित करने का आदेश जारी किया गया था.
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सहकारी संस्थाओं के चुनाव की स्थगिती भी जल्द हटेगी
सहकारी बैंकों के साथ-साथ राज्य की हजारों सहकारी संस्थाओं के चुनाव भी विगत लंबे समय से प्रलंबित है और उम्मीद है कि, जल्द ही सहकारी संस्थाओं की चुनावी प्रक्रिया से भी स्थगिती को हटाया जायेगा. ऐसे में एक बार फिर सहकारी क्षेत्र की राजनीति जमकर गरमायेगी.
सहकार विभाग के अधिकृत सूत्रों द्वारा बताया गया है कि, इन संस्थाओं के चुनाव को 31 अगस्त तक स्थगित किया गया था और 1 सितंबर से यह स्थगिती हटायी जा सकती है. इससे पहले कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए सहकार विभाग द्वारा प्रत्येक तीन माह के लिए चुनाव को स्थगित करने का आदेश जारी किया गया था. लेकिन अब चूंकि कोविड संक्रमण की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आ गयी है. ऐसे में स्थगिती को आगे समयावृध्दि नहीं दी जायेगी. ऐसी उम्मीद दिखाई दे रही है. जिसके चलते राज्य में सहकारी शक्कर कारखाने, सूतगिरणी, नागरी सहकारी बैंक, सहकारी पतसंस्था, विविध कार्यकारी सोसायटी, कृषि प्रक्रिया संस्था, खरीदी-बिक्री संघ, औद्योगिक सहकारी संस्था तथा सहकारी गृह निर्माण संस्था के चुनाव का रास्ता खुल जायेगा. ज्ञात रहे कि, राज्य में करीब 60 हजार सहकारी संस्थाओं का कार्यकाल खत्म हो चुका है. किंतु चुनावी प्रक्रिया के स्थगित रहने की वजह से इन संस्थाओं में चुनाव नहीं कराये जा सके है.