महाराष्ट्र

महिलाओं को निर्वस्त्र होकर पुलिसकर्मियों के सामने नाचने को मजबूर करने के आरोपों पर बोली सरकार

मामले में कोई सच्चाई नहीं

मुंबई/दि.४-महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि महिलाओं को निर्वस्त्र होने और पुरुष पुलिसकर्मियों के सामने नाचने को मजबूर करने के आरोपों की जांच कराई गई थी, लेकिन इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं पाई गई. यह घटना कथित तौर पर जलगांव जिले के एक हॉस्टल में हुई. महाराष्ट्र विधानसभा में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि सीनियर महिला अधिकारियों की एक टीम ने हॉस्टल का दौरा किया था और इस कथित घटना लेकर जांच की थी. देशमुख ने कहा कि हॉस्टल में 17 महिला पुलिसकर्मी थीं और 41 गवाहों से पूछताछ की गई. जांच में पाया गया कि आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद थे. वहां कोई पुरुष पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था.
यह महिला हॉस्टल है और पुरुष पुलिसकर्मियों को अंदर जाने की इजाजत नहीं है. विपक्षी नेताओं ने बुधवार को यह मुद्दा विधानसभा में उठाया था. भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने इस कथित घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह गंभीरता नहीं दिखा रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ महिलाओं ने कथित घटना को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. देशमुख ने बुधवार को कहा कि जांच के लिए चार सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है. गुरुवार को गृह मंत्री ने कहा कि महिला शिकायतकर्ता मानसिक तौर पर अस्थिर है. उसके पति और परिजन भी उशकी मानसिक स्थिति को लेकर शिकायत कर चुके हैं. मंत्री ने कहा कि 20 फरवरी को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कोई भी पुरुष पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं था. देशमुख ने कहा कि पार्टी में अंताक्षरी, गाना और नृत्य हुआ था. इसी दौरान एक महिला ने असुविधा महसूस होने पर लांग स्कर्ट उतार दी थी. जलगांव से जुड़े मंत्री गुलाबराव पाटिल ने भी स्थानीय अधिकारियों से घटना की जानकारी ली और इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं पाई गई.

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