महाराष्ट्र

नियुक्ति से जुडे अधिकार का हनन नहीं कर सकती सरकार

अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान : हाईकोर्ट ने कहा-

मुंबई/दि.25 – बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि, राज्य सरकार पाबंदी लगाकर अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों के नियुक्ति से जुडे मूलभूत अधिकारियों का हनन नहीं कर सकती है. ऐसे संस्थानों के पास अपने पसंद के कर्मचारियों की नियुक्ति करने का हक है. हाईकोर्ट ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई के बाद यह बात कही.
महिला ने एक कैथलिक स्कूल में शिक्षकेत्तर कर्मचारी के पद पर नौकरी के लिए आवेदन किया था. जिसे शिक्षा अधिकारी ने सरकार की ओर से जारी किए गए साल 2015 के शासनादेश के आधार पर अवैध घोषित कर महिला की नियुक्ति को मंजूरी देन से इनकार कर दिया था. किंतु अब कोर्ट ने महिला को राहत दी है. शिक्षा अधिकारी को महिला की नियुक्ति की मंजूरी देने का निर्देश दिया है. सरकार ने इस शासनादेश के जरिए स्कूलों में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति पर रोक लगाई है. न्यायमूर्ति अनूजा प्रभु देसाई ने कहा कि, अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान को ऐसे कार्मचारियों को नियुक्त करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, जो उसके पसंद के नहीं है.
न्यायमूर्ति ने स्पष्ट किया कि सरकार नियुक्ति पर प्रतिबंध लगाकर अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान की प्रशासकीय स्वायत्ता को सीमित नहीं कर सकती है. नियुक्ति को लेकर सरकार की ओर से लगाई जानेवाली कोई भी पाबंदी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत मिले अधिकारों का उल्लंघन होगा. शिक्षा अधिकारी ने चपरासी के पद के लिए आवेदन करनेवाले महिला की नियुक्ति को नमंजूर करते समय इस पहलू को नजर अंदाज किया है.

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