महाराष्ट्र

सरकारी गोदामों को गेहूं की प्रतीक्षा

निजी व्यापारियों से अधिक कीमत में खरीदी, किसानों को हमी भाव से अधिक कीमत

पुणे./दि.29- विश्व एवं देश अंतर्गत बाजार में आगामी वर्ष में गेहूं की कीमतें बढ़ेगी. जिसके चलते निर्यातदार, व्यापारी एवं बड़ी कंपनियों ने संपूर्ण उत्तर भारत में अधिक दाम में गेहूं खरीदने की शुरुआत की है. एक ओर किसानों को समर्थन मूल्य की बजाय अधिक कीमत मिलने से समाधान व्यक्त किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय अनाज महामंडल सहित सरकार की विविध योजनाओं के लिए गेहूं खरीदी रुकी है. सरकारी गोदाम अब भी गेहूं की प्रतीक्षा में है.
रशिया-युक्रेन युद्ध के असर के रुप में विश्व बाजार में गेहूं की कीमत बढ़ी है. विश्व गेहूं की किल्लत निर्माण होकर आगामी वर्षभर कीमत अधिक रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इस अवसर का लाभ लेने के लिए निर्यातदार, व्यापारी एवं बड़ी कंपनियों ने गेहूं खरीदना शुरु किया है. मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब व हरियाणा में तेजी से गेहूं खरीदा जा रहा है. व्यापारी व कंपनियों के प्रतिनिधी सीधे किसानों से व बाजार समितियों में जाकर गेहूं खरीद रहे हैं. अच्छे, दर्जेदार गेहूं की अधिक कीमत में खरीदी शुरु है. केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के लिए घोषित किया गया हमी भाव 2015 रुपए प्रति क्विंटल है. लेकिन निजी बाजार में दर्जेदार गेहूं की खरीदी 2100 से 3300 रुपए के दरमियान शुरु है.
राष्ट्रीय अन्न महामंडल, प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना, राष्ट्रीय खाद्य अन्न सुरक्षा अभियान आदि योजनाओं के लिए 1 अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरु हो गई है. लेकिन निजी बाजार में अच्छे दाम मिलने के कारण किसान हमीभाव से बिक्री करने के लिए तैयार नहीं. केंद्र ने कम दर्जे के गेहूं की खरीदी करने की मांग की है. कुल मिलाकर अपेक्षित तेजी से खरीदी न होने के कारण सरकारी गोदाम आज की घड़ी में खाली रहने का चित्र है.

केंद्र सरकार फिलहाल गेहूं का बड़े पैमाने पर निर्यात कर रही है. इसके लिए गत 2-3 वर्ष में हमाी भाव से खरीदे गए गेहूं का उपयोग किया जा रहा है. सरकार के गोदाम खाली हो रहे हैं. गत वर्ष तक हमी भाव से खरीदे गये गेहूं थोड़ा नुकसान सहन कर सरकार आटा मिल को बेच रही थी. इस बार वहीं गेहूं विदेश में जा रहा है. जिसके चलते आटा मिल कंपनियां सीधे बाजार से गेहूं खरीद रही है. इसलिए दाम में तेजी आयी है. आगामी वर्षभर गेहूं के दाम टीके रहेंगे. गेहूं की किल्लत निर्माण होकर दाम बढ़ने की स्थिति नहीं है.
– राजेश शहा, निर्यातदार व्यापारी, पुणे मार्केट यार्ड

केंद्र का उद्देश्य… केंद्र सरकार ने विविध योजनाओं के लिए कुल 4 करोड़ 44 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निश्चित किया है पंजाब से सर्वाधिक 132 लाख टन, मध्यप्रदेश से 60 लाख टन, राजस्थान से 23 लाख टन, बिहार से 10 लाख टन, उत्तराखंड 2.2 लाख टन, गुजरात से 2 लाख टन, जम्मू एवं कश्मीर से 35 हजार टन, हिमाचल प्रदेश से 27 हजार टन एवं दिल्ली से 18 हजार टन गेहूं खरीदी का नियोजन है. केंद्र सरकार को विविध योजनाओं के लिए प्रति वर्ष करीबन 3 करोड़ टन गेहूं की आवश्यकता होती है.

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