महाराष्ट्रमुख्य समाचार

सरकार ने दिया व्यापारियों को ‘अभय’

10 हजार रूपयों का बकाया किया गया माफ

मुुंबई/दि.22– कोविड संक्रमण काल के दौरान दिक्कत में फंसे उद्योग व व्यापार क्षेत्र को समस्याओं से बाहर निकालकर दोबारा मजबुती देने हेतु राज्य के उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजीत पवार ने आज विधानमंडल में ‘महाराष्ट्र कर, ब्याज, शास्ती व विलंब शुल्क तडजोड-2022’ नामक अभय योजना की घोषणा की. कर कानून अंतर्गत एक वर्ष के दौरान वैधानिक आदेश के तहत 10 हजार रूपये का बकाया रहने पर इस बकाये की रकम को पूरी तरह से माफ कर दिया जायेगा, ऐसा उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा सदन में बताया गया. साथ ही इससे संबंधित विधेयक को विधान मंडल के दोनों सभागृहों में आज मंजुरी प्रदान की गई.
इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बताया कि, वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के अस्तित्व में आने से पहले विक्री कर विभाग द्वारा वसुले जानेवाले विभिन्न करों के लिए यह योजना है और इस योजना अंतर्गत आवश्यक रकम को अदा करने के लिए 1 अप्रैल 2022 से 30 सितंबर 2022 तक कालावधी दी गई थी. कर कानून अंतर्गत 10 हजार रूपयों के बकाया पर पूर्ण माफी दिये जाने हेतु की गई इस घोषणा का लाभ छोटे व्यापारियों को करीब 1 लाख मामलोें में होगा. इसके अलावा 1 अप्रैल 2022 को 10 लाख व उससे कम बकाये की रकम रहनेवाले व्यापारियों को अविवादित कर, विवादित कर व शास्ती का अलग-अलग हिसाब न करते हुए कुल बकाये की 20 फीसद रकम अदा करने का पर्याय उपलब्ध करवाया गया है. यह रकम भरने पर शेष 80 फीसद रकम को माफ कर दिया जायेगा. इस योजना का लाभ राज्य के छोटे व्यापारियों को करीब 2 लाख 20 हजार मामलों में होगा.

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