महाराष्ट्र

बढे बिलों को लेकर बैक फुट पर सरकार

शिवसेना विधायक प्रभु ने बिजली ग्राहकों को राहत देने के दिए संकेत

मुंबई/दि.१९ – लॉकडाउन के दौरान बिजली उपभोक्ताओं के बढे हुए बिलों में राहत देने से इनकार करने के बाद विपक्षी दल भाजपा के हमले और आम लोगों की भारी नाराजगी के बाद प्रदेश सरकार बैक फुट आ गई है. शिवसेना के विधायक सुनील प्रभु ने बढे हुए बिजली बिलों को लेकर ग्राहकों को राहत देने के संकेत दिए है. बुधवार को प्रभु ने कहा कि बढे हुए बिजली बिलों में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार जल्द ही उच्च स्तर पर फैसला लेंगे.
वहीं प्रदेश के उर्जा मंत्री नितीन राउत ने सफाई देते हुए कहा, ‘मैंने बढे हुए बिजली बिलों को माफ करने के लिए वित्त विभाग के पास आठ बार प्रस्ताव भेजा था. लेकिन कोरोना संकट के कारण राज्य सरकार की तिजोरी में पैसे नहीं होने से यह संभव नहीं हो सका. यदि भाजपा की जनता की चिंता है तो पार्टी केंद्र सरकार से महाराष्ट्र को जीएसटी का बकाया पैसा दिलाए. इसके बाद सरकार बिजली बिलों को कम करने के बारे में फैसला ले सकती है.‘ राउत ने कहा कि, भाजपा सरकार के समय महावितरण का बकाया ५० हजार करोड रुपए पर पहुंच गया था. कोरोना संकट के बाद यह रकम अक्टूबर महीने तक ५९ हजार १०२ करोड रुपए तक पहुंच गई है.
प्रदेश में तीन दलों की महाविकास आघाडी सरकार में कांग्रेस के मंत्रियों के विभागों को कम निधि मिलने को लेकर पार्टी में नाराजगी है. लेकिन राउत इस बारे में स्पष्ट बोलने से बच रहे हैं.

  • सरकार ने जनता के साथ विश्वासघात किया है. मंत्री राउत अपना मुंह छिपाने के लिए गलत बयान दे रहे है. सरकार को अपनी क्षमता देखकर ही राहत देने के लिए घोषणा करनी चाहिए थी.
    – देवेंद्र फडणवीस, विधान सभा में विपक्ष के नेता

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