महाराष्ट्र

मांस का उत्पादन बढाने विशेष अभियान चलाएगी सरकार, ऑनलाइन बिक्री के लिए तैयार होगा एप

युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने बकरी व भेड व्यवसाय पर जोर

मुंबई /दि.१८ – प्रदेश के ग्रामीण अंचल के युवाओं और महिलाओं को रोजगार से जोडने के लिए बकरी और भेड के मांस का उत्पादन बढाने पर जोर दिया जाएगा. राज्य सरकार का लक्ष्य बकरी और भेड पालन को व्यवसाय के रुप में विकसित करके बेरोजगारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. राज्य में इसके लिए बकरी और भेड पालन की योजनाओं को अब विशेष अभियान के रुप में कार्यान्वयित किया जाएगा.
गुरुवार को राज्य के पशुसंवर्धन विभाग की ओर से इस संबंध में परिपत्र जारी किया गया. महाराष्ट्र में फिलहाल राज्य स्तरीय योजना के तहत अभिनव योजना, जिला वार्षिक योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय पशुधन अभियान के तहत बकरी-भेड विकास योजना चलाई जाती है. इन योजनाओं को प्रभावी रुप से लागू करने और लाभ का दायरा बढाने के साथ राज्य में और चार योजनाएं चलाई जाएंगी. इसमें बालासाहब ठाकरे कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन (स्मार्ट) परियोजना, लघुकृषक कृषि व्यापार संघ अंतर्गत वेंचर कैपिटल स्किम, किसान के्रडिट कार्य योजना, राष्ट्रीय सहकार निगम अंतर्गत योजना लागू की जाएगी. स्मार्ट परियोजना के तहत फॉरवर्ड मार्केटींग की व्यवस्था के लिए किसान उत्पादक कंपनी बनाई जाएगी. एक कंपनी में कम से कम 100 सदस्य होंगे. हर तहसील में कम से एक कंपनी स्थापित की जाएगी. परियोजना में शामिल लाभार्थियों के उत्पादनों को ऑनलाइन बेचने के लिए एक एप तैयार किया जाएगा. वेंचर कैपिटल स्कीम के तहत लाभार्थियों को कृषि संबंधी उद्योगों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज मिल सकेगा. इन योजनाओं पर निगरानी के लिए हर तीन महीने में बैठक बुलानी होगी.

  • दूसरे प्रदेश की तुलना में महाराष्ट्र की स्थिति

20 वें पशुगणना के अनुसार राज्य में बकरियों की संख्या 1 करोड 6 लाख 4 हजार है. जबकि भेड की संख्या 26 लाख 80 हजार है. साल 2018-19 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में बकरियों से 124.78 हजार मीट्रिक टन और भेड से 12.73 हजार मीट्रिक टन मांस का उत्पादन हुआ है. इसके अलावा भेडों से 1456.93 मीट्रिक टन उन प्राप्त हुआ है. राष्ट्रीय स्तर पर बकरियों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र का छठवां स्थान है. महाराष्ट्र के आगे राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश है भेड की संख्या में महाराष्ट्र सातवें स्थान पर हैं. इसमें महाराष्ट्र से आगे तेलंगना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडू और जम्मू-कश्मीर है.

  • बकरियों के मांस की दर अच्छी

सरकार का कहना है कि, ग्रामीण इलाकों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति, घुमंतु जनजाति प्रवर्ग की महिलाओं और बेरोजगार युवकों के लिए बकरी पालन व्यवसाय उपयुक्त है. फिलहाल पारंपारिक पद्धति से ग्रामीण इलाको में घर-घर 2-4 से लेकर 15-20 बकरियों का पालन किया जाता है. बकरियों के मांस की पूरे राज्य में अच्छी मांग होने के कारण मांस की दर 600 से 700 रुपए प्रति किलो है. बकरियों के मांस की दर में किसी भी ऋतु और त्यौहारों के दौरान गिरावट नहीं देखी जाती है.

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