स्टॉम्प शुल्क में दो से तीन फीसदी सहुलित देने का सरकार का विचार
आनेवाले पखवाड़े भर में निर्णय लिए जाने की जानकारी
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मुंबई/दि.१५- ढह चुके घर खरीदी को बढ़ावा देने के लिए स्टाम्प शुल्क में रियायत देने की मांग निर्माणकार्य व्यावसायिक संगठन की ओर से लगातार की जा रही है. सरकारी तिजोरी में ठनठनाहट ना हो इसके लिए सरकार कोई ठोस भूमिका नहीं ले रही थी. लेकिन अब शुल्क में दो से तीन फीसदी सहुलियत देने का विचार सरकार ने गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. आनेवाले पखवाड़ेभर में इसे लेकर निर्णय लिए जाने की जानकारी मिली है. यहां बता दें कि कोरोना विपदा के दस्तक देने से पहले ही निर्माणकार्य विभाग को ग्रहण लगा है. कोरोना संकट के बाद से व्यवसाय पूरी तरह से टूट चुका है. मुंबई महानगर क्षेत्र के १ लाख ८० हजार घर ग्राहकों की प्रतिक्षा में है. वहीं निर्माणकार्य चल रहे उतने ही घर अगले दो वर्षों में तैयार होनेवाले है.
लेकिन घरों की डिमांड घटने से घरों का भविष्य खतरे में आ गया है. निर्माणकार्य व्यावसायिकों ने घरों की कीमतों को घटाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं तो बैंकों ने भी कम ब्याजदरों में होमलोन उपलब्ध करा दिया है. बावजूद इसके ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए घरों की कीमतें कम होने की भूमिकाएं व्यावसायिकों की ओर से की जा रही है. इसके लिए स्टाम्प शुल्क में सहुलियत और जीएसटी माफ करने की मांग राज्य और केंद्र सरकार से लगातार की जा रही है. जिसके चलते महानगर व्यवहारों पर वसूला जानेवाला स्टाम्प शुल्क एक फीसदी करने का निर्णय सरकार ने लिया है. जिससे सरकार की तिजोरी की आवक १८०० करोड से कम होगी और लगभग २८ से ३० हजार करोड का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान था. लेकिन कोरोना की वजह से यह अनुमान धाराशाही हो गया है.