महाराष्ट्र

राज्य की शालाओं को 1100 करोड रुपयों का अनुदान

राज्य मंत्रिमंडल ने लिया महत्वपूर्ण फैसला

* 63,338 शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को होगा फायदा
मुंबई दि.14 – राज्य की अनुदानित शालाओं के लिए राज्य सरकार ने गत रोज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बडा फैसला लेते हुए राज्य की शालाओं को अनुदान देने व इसके लिए 1100 करोड रुपए के खर्च को मान्यता दी है. सीएम एकनाथ शिंदे के अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय के चलते राज्य की 6 हजार 10 प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शालाओं तथा 14 हजार 862 कक्षाओं को अनुदान मिलेगा. साथ ही इस फैसले का लाभ राज्य के करीब 63,380 शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को होगा. त्रुटी की पूर्तता के बाद 20 फीसद अनुदान हेतु 367 तथा 40 फीसद अनुदान हेतु 284 शालाएं पात्र है. 20 फीसद अनुदान प्राप्त करने वाली 238 शालाओं को 40 फीसद अनुदान मिलेगा और 40 फीसद अनुदान ले रही 2 हजार 9 शालाओं को 60 फीसद अनुदान मिलेगा. मूल्यांकन के अनुसार अनुदान हेतु प्राप्त परंतु सरकार के स्तर पर अब तक अघोषित रहने वाली 3,122 शालाओं को 20 फीसद अनुदान दिया जाएगा. साथ ही त्रुटियों की पूर्तता करने हेतु एक माह का समय दिया गया है. अन्यथा अगले महिने से ऐसी शालाओं व कक्षाओं को स्वयं वित्त साहित्य के तौर पर मान्यता दी जाएगी और जो शालाएं इसके लिए तैयार नहीं होगी, उनकी मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा.

* सरकार मान्य ग्रंथालयों के अनुदान में भी 60 फीसद वृद्धि
– आदिवासी आश्रम शाला के 1,585 कर्मचारी नियमित – राज्य की आदिवासी आश्रम शालाओं के 1,585 रोजनदारी व तासिका कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय लिया गया है. इन कर्मचारियों को 1 नवंबर 2022 से नियमित किया जाएगा.
– भविष्य में शक्कर कारखाने को सरकारी गारंटी नहीं – सहकारी संस्थाओं द्बारा लिए गए कर्ज हेतु दी गई सरकारी गारंटी के चलते सरकर ने बैंकों को कर्ज की रकम लौटाने का निर्णय लिया है. यह निर्णय कुल 13 सहकारी संस्थाओं के बारे में लिया गया है. जिसके चलते सरकार द्बारा बैंकों को 96.53 करोड रुपए अदा किए जाएंगे. वहीं अब भविष्य में किसी भी सहकारी शक्कर कारखाने की बकाया कर्ज राशि पर सरकारी गारंटी नहीं दी जाएगी.
– शिवसृष्टि प्रकल्प को 50 करोड की निधि – शिवशाहीर स्व. बाबासाहब पुरंदरे की संकल्पना से हवेली तहसील के आंबेगांव बु. में साकार किए जाने वाले ‘शिवसृष्टि’ प्रकल्प के लिए 50 करोड रुपए की निधि विशेष मद में मंजूर की गई.
– फौजदारी सजा के प्रावधानों में संशोधन – राज्य में व्यवसायानुकूल वातावरण निर्माण करने हेतु महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम व महाराष्ट्र सीनेमा अधिनियम के तहत सजा के प्रावधानों में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया.
– पिंपरी चिंचवड विद्यालय व यूनिवर्सल एआई विद्यापीठ को मान्यता – पुणे के पिंपरी चिंचवड विद्यापीठ व कर्जत के यूनिवर्सल एआई विद्यापीठ को स्वयं वित्त साहाय्यित विद्यापीठ के रुप में मान्यता देने का भी निर्णय राज्य सरकार द्बारा लिया गया है.

* महाधिवक्ता कुंभकोणी का इस्तिफा किया गया स्वीकार
– एड. बिरेंद्र सराफ होंगे नये महाधिवक्ता
राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी द्बारा दिए गए इस्तिफे को गत रोज राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकार कर लिया गया. जिसके चलते अब एड. बिरेंद्र सराफ को नये महाधिवक्ता के रुप में नियुक्त किए जाने की संभावना जताई जा रही है.
बता दें कि, जून 2017 में महाधिवक्ता के रुप में नियुक्त किए गए एड. आशुतोष कुंभकोणी ने तीन मुख्यमंत्रियों (देवेंद्र फडणवीस, उद्धव ठाकरे व एकनाथ शिंदे) के साथ काम किया. जब फडणवीस के स्थान पर उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने, तो एड. कुंभकोणी ने उनके समक्ष अपना इस्तिफा पेश किया था. लेकिन तत्कालीन सीएम ठाकरे ने उन्हें पद पर बने रहने हेतु कहा था. वहीं जारी वर्ष के दौरान एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने विगत 30 जून को एक बार फिर अपना इस्तिफा दिया था. परंतु उन्हें पद पर कायम रखा गया. वहीं अब गत रोज ही मंत्रिमंडल की बैठक में एड. कुंभकोणी द्बारा दिए गए इस्तिफे को मंजूर कर लिया गया. साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक में नये महाधिवक्ता के तौर पर एड. बिरेंद्र सराफ की नियुक्ति करने के संदर्भ में भी चर्चा की गई. एड. सराफ के साथ ही महाधिवक्ता पद के लिए एड. मिलिंद साठे के नाम की भी चर्चा चल रही है.

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