* मिल रहे संकेत
मुंबई/दि.3- देश की खजांची निर्माला सीतारामन ने अगले वित्त वर्ष के अर्थ संकल्प की तैयारी आरंभ कर दी हैं. विभिन्न क्षेत्र के जानकारों के साथ उनकी बैठकों का एक दौर पूर्ण हो गया हैं. संकेत मिल रहे है कि आम लोगों को इस बार बजट में बडी राहत मिलने वाली हैं. कर रचना में इस तरह का परिवर्तन वित्त मंत्री करने जा रही हैं. वे अगामी 1 फरवरी को संसद में बजट सत्र रखेंगी. जानकारों का यह भी कहना है कि इस बार 2024 के आम चुनाव को ध्यान में रखकर मोदी सरकार अर्थ संकल्प बनाने वाली हैं. इसके बाद 2024 फरवरी में रखा जाने वाला बजट अंतरिम होगा. इसलिए अनेक बडी घोषणाओं और कर राहत का ऐलान का अंदाज सभी व्यक्त कर रहे हैं. वित्त मंत्री से मिलने वाले भी इस आशय के संकेत मिलने की बात कर रहे.
* अधूरे प्रकल्पों पर अधिक ध्यान
जानकारों ने बताया कि, कोरोना महामारी के कारण सरकार को अनेक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सके. जिसमें किसानों की आमदनी दोगुनी करना, सभी को 2022 तक घर देना, सडके बनाना और रेल नेटर्वक बढाना आदि लक्ष्य अधूरे रह गए हैं. अनेक प्रकल्प अभी भी अधूरे हैं. इसलिए आगामी अर्थसंकल्प में सबसे पहले इन्हीं उद्देश्यों को पूर्ण करने पर अधिक ध्यान केंद्रीत होगा.
* मध्यम वर्ग को लुभावना
बजट में टैक्स स्लैब में बडे बदलाव के संकेत राजस्व सचिव तरुण बजाज ने सेवानिवृत्ति से पहले दिए. पुरानी कर प्रणाली पूरी तरह नहीं बदली जाएगी. मगर अधिकाधिक लोगों को जोडने के हिसाब से सरकार एक ही कर प्रणाली अमल में लाने का विचार कर रही हैं. अभी 5 लाख रुपए की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं हैं. इसके अलावा 80-सी अंतर्गत 1.5 लाख रुपए का निवेश भी करमुक्त हैं. जिससे 6.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं हैं. कर प्रणाली की कुछ विसंगतियों को अवश्य दूर करने पर विचार होगा.
* कर दाताओं की संख्या अत्यल्प
तरुण बजाज ने कहा कि, कर योजना में पुर्नविचार आवश्यक हैं. ऐसी व्यवस्था तैयार होना जरुरी हैं. जिसमें छूट के पर्याय कम कर कर रचना बढाई जाए, इससे अधिकाधिक लोग नई कर प्रणाली का हिस्सा बनने का विश्वास उन्होंने व्यक्त किया. उनका कहना रहा कि दो की बजाए एक ही कर प्रणाली कायम रहने से सरकार को निर्णय लेना सरल रहेगा. भारत में ऐसे कर दाताओं की संख्या बढी हैं जो वार्षिक आमदनी 7 लाख रुपए से कम दर्शाते हैं.