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महाविकास आघाडी सरकार की नींव में दरार

कांग्रेस के 25 विधायक अपने ही मंत्रियों से चल रहे नाराज

* पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का मांगा समय
मुंबई/दि.30– विगत कुछ समय से माना जा रहा था कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में शामिल घटक दलों के बीच आपसी समन्वय का अभाव है. किंतु अब खबर सामने आ रही है कि, महाविकास आघाडी में शामिल कांग्रेस के कई विधायक अपनी ही पार्टी के मंत्रियों को लेकर काफी हद तक नाराज है और इसे लेकर जल्द ही पार्टी आलाकमान से मुलाकात करने के भी मूड में है. जिसके तहत कांग्रेस के करीब 25 विधायकों ने पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात हेतु समय भी मांगा है.
इकॉनॉमिक्स टाईम्स नामक अंग्रेजी अखबार द्वारा प्रकाशित की गई खबर के मुताबिक अपनी ही पार्टी के मंत्रियों को लेकर बगावत व नाराजगी का स्वर बुलंद करनेवाले कांग्रेसी विधायकों का कहना है कि, महाविकास आघाडी सरकार तो दूर, खुद उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी से मंत्री रहनेवाले नेताओं द्वारा ही उनकी बातों को नहीं सुना जा रहा है और कांग्रेस के मंत्री उनकी समस्याओं और चिंताओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहे. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के मंत्रियों और विधायकों के बीच भी कोई आपसी तालमेल नहीं है. जिसकी वजह से पार्टी के विधायकों में विगत लंबे समय से काफी असंतोष व्याप्त है और अब इनमें से करीब 25 विधायकों ने अपनी ही पार्टी के मंत्रियों के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करते हुए पुरे मामले को पार्टी आलाकमान के सामने रखने का निर्णय लिया है. जिसके तहत पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात हेतु समय मांगा गया है. जहां से हरी झंडी मिलते ही बहुत जल्द विधायकों का दल दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेगा.
इस खबर के मुताबिक कांग्रेस के कुछ विधायकों का यह भी कहना है कि, जहां एक ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार हमेशा ही अपनी पार्टी के विधायकों से मुलाकात करते है और उन्हें विकास कामों के लिए निधी उपलब्ध कराते है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कोटे से मंत्री रहनेवाले नेता अपनी पार्टी के विधायकों से मुलाकात करना टालते है. इसके अलावा सरकार का ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें यह पता चला कि, सरकार का गठन होने के कुछ समय बाद ही कांग्रेस के तीन-तीन विधायकों के साथ समन्वय हेतु एक-एक मंत्री को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लेकिन इसकी जानकारी ढाई वर्ष बाद पता चली. साथ ही अब तक यह पता नहीं चला है कि, किस विधायक से समन्वय की जिम्मेदारी किस मंत्री पर सौंपी गई है.
इस खबर के सामने आते ही यह माना जा रहा है कि, राज्य की उध्दव ठाकरे सरकार की नींव में काफी बडी दरार पड चुकी है तथा जहां एक ओर सरकार में शामिल घटक दलों के बीच कुछ हद तक आपसी मतभेद है, वहीं दूसरी ओर आघाडी में शामिल कांग्रेस पार्टी के मंत्रियोें व विधायकों के बीच भी अच्छा-खासा अंर्तविरोध जारी है.

* कोई नाराजगी नहीं, हम तो प्रशिक्षण के लिए दिल्ली जा रहे
इस खबर के सामने आते ही दैनिक अमरावती मंडल द्वारा अमरावती जिले के दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक रहनेवाले बलवंत वानखडे से जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर उन्होंने कहा कि, पार्टी के मंत्रियों को लेकर विधायकों में किसी भी तरह के असंतोष या नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है तथा पार्टी के मंत्रियों व विधायकों में नियमित रूप से संपर्क व समन्वय जारी रहता है. साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि, पार्टी के कई विधायक आगामी 3 अप्रैल को राजधानी दिल्ली जरूर जा रहे है. जिनमें वे खुद भी शामिल है. किंतु उनका यह दिल्ली दौरा वहां पर पार्टी द्वारा आयोजीत प्रशिक्षण शिबिर के लिए हो रहा है और इसी दौरान औपचारिकतावश पार्टी आलाकमान से मुलाकात करने का भी प्रयास किया जायेगा. यह अपने आप में बेहद नियमित व सामान्य बात है.

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