पुणे/दि.4– केंद्रीय कृषि मंत्रालय के प्रयासों से करीबन 700 करोड़ रुपए का निवेश कर राज्य के नाशिक में अंगुर के लिए तो सोलापुर में अनार के लिए समूह विकास योजना (क्लस्टर) अमल में लाई जाएगी.
फसल व्यवस्थापन से निर्यात तक की सुविधा एक ही छत के नीचे करने की इस योनजा को अब राज्य सरकार द्वारा गति दिए जाने के साथ ही 19 जून तक इस बाबत विविध संस्थाओं ने प्रकल्प लेखाजोखा सहित विस्तारपूर्वक प्रस्ताव दाखल करना है.
राष्ट्रीय फलोत्पादन मंडल द्वारा इस योजना को आर्थिक मदद करने के साथ ही अमल में लाने हेतु नियंत्रण रखेगा. महाराष्ट्र राज्य फलोत्पादन व औषधी वनस्पती मंडल को इस योजना के लिए समूह विकास संस्था के रुप में नियुक्त किया गया है. बावजूद इसके क्लस्टर को अमल में लाने के लिए जिलास्तर पर विकास समिति की स्थापना की गई है.
देश अंतर्गत बाजारपेठ में एवं निर्यात बाजार पेठ में स्पर्धात्मकता बढ़ाने, फसल बुआई, फसल संरक्षण, किसान प्रशिक्षण, निकालने के पश्चात तकनीकीज्ञान, मूल्यवर्धन, यातायात, विपणन, निर्यात एवं प्रसिद्धी आदि सभी सुविधा एक ही छत के नीचे मिले, इसके लिए इस समूह विकास योजना का उपयोग किया जाएगा. कुल विश्व फल एवं पत्ता भाजियों के बाजार में भारत के फलों का 1.7 प्रतिशत एवं पत्ता भाजी का हिस्सा 0.5 प्रतिशत अत्यल्प रहा है. इस चित्र को बदलने के लिए यह योजना बनाई गई है.
2109-20 वर्ष में देश में 25.66 लाख हेक्टर क्षेत्र पर फल एवं सागभाजी की बुआई होकर 320.77 लाख टन का विक्रमी उत्पादन लिया है.