महाराष्ट्र

राज्य में पुरूषों की तुलना में आधी महिलाओं को मिलता है काम

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे से सामने आयी जानकारी

* 81 फीसद पुरूषों व 41 फीसद महिलाओं के पास रोजगार, 34 फीसद पुरूष है व्यसनाधीन
मुंबई/दि.18– तमाम नीतियोें, नियमों व कानूनों के बाद भी कामवाले स्थानों पर स्त्री व पुरूष का भेदभाव बना हुआ है और राज्य में पुरूषों की तुलना में आधे से भी कम महिलाओें को रोजगार प्राप्त है. कृषि प्रधान देश रहने के बावजूद एक तिहाई रोजगार गैर कृषि क्षेत्र में है. जहां पर काम करते समय जाने-अनजाने व्यसन भी साथ जुड जाते है. इसमें भी व्यसनाधिन होने के मामले में पुरूषों की संख्या अधिक है. 16 फीसद पुरूषों को धुम्रपान, 14 फीसद को तंबाखूजन्य पदार्थ तथा 17 फीसद पुरूषों को शराब का व्यसन है. एक दिन के दौरान 25 बीडी या सिगरेट पीनेवालों की संख्या भी कम नहीं है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में प्रकाशित की गई पांचवे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट से यह बात सामने आयी है. इस रिपोर्ट के लिए देश के 707 जिलों ने 15 से 49 वर्ष आयुगुटवाली 6.10 लाख महिलाओं से जानकारीर संकलीत की गई. जिसके बाद रोजगार एवं व्यसनाधिनता को लेकर काफी सनसनीखेज जानकारियां सामने आयी है.

* राज्य में 41 फीसद महिलाओं को ही रोजगार
40.9% महिलाओं के पास काम है. जिसमें से 13.6% महिलाएं खेत में और 86.4% महिलाएं अन्य क्षेत्रोें में काम करती है.

– 35 से 44 वर्ष आयुगुट में सर्वाधिक 54.7% महिलाएं काम करती है.
– 80.7% महिलाओं को नकद तथा 5.1% महिलाओं को वस्तु स्वरूप में भुगतान मिलता है.

– 81.5% पुरूष नियमित रूप से काम पर जाते है. जिसमें से 32.6% पुरूष खेतोें में तथा 67.4% पुरूष अन्य क्षेत्रों में काम करते है.

87.4% पुरूषों को नकद स्वरूप में वेतन मिलता है. जिसकी दस्तावेजों अथवा बैंक में लिखीत तौर पर कोई जानकारी नहीं रहती. ऐसे में उन्हें कर्ज की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती. यह वर्ग असंघटित क्षेत्र से वास्ता रखता है.

* महिलाओं की तुलना में व्यसनाधिन पुरूषों की संख्या अधिक
अल्प वेतन में काम करने के बावजूद भी व्यसनाधिनता का प्रमाण काफी अधिक है. जिसमें पुरूषों की संख्या ज्यादा है. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में से 0.2 फीसद महिलाएं धुम्रपान, 0.3 फीसद महिलाएं मद्यपान करती है और 2.5 फीसद महिलाओं द्वारा तंबाखूजन्य पदार्थों का सेवन किया जाता है. वहीं शहरी क्षेत्र में 0.1 फीसद महिलाएं धुम्रपान, 0.1 फीसद महिलाएं मद्यपान तथा 6 फीसद महिलाएं तंबाखूजन्य पदार्थों का सेवन करती है.
 
व्यसन का प्रकार शहरी ग्रामीण कुल
सिगरेट, बिडी, चिलम, हुक्का 16.5% 6.2% 11.2%
गुटखा, खैनी, अन्य तंबाखूजन्य 29.5% 38.0% 33.9%
शराब, बीयर, वाईन 20.1% 14.5% 17.2%

75.5% लोग एक दिन में पांच सिगरेट पीते है
– एक दिन में सिगरेट पीनेवालों का प्रमाण
75.5% लोग 5 सिगरेट
4.8% लोग 5 से 9 सिगरेट
5.9% लोग 10 से 14 सिगरेट
0.7% लोग 15 से 24 सिगरेट
3.6% लोग 25 से अधिक सिगरेट

– बीडी
21.8% लोग 5 बीडी
11.3% लोग 5 से 9 बीडी
34.6% लोग 10 से 14 बीडी
5.6% लोग 15 से 25 बीडी
8.6% लोग 25 से ज्यादा बीडी

* शराब पीनेवालों का प्रमाण
15.4% लोग रोजाना
43.4% लोग सप्ताह में एक बार
41.3% लोग दो सप्ताह में एक बार

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