महाराष्ट्र

‘सिर्फ लॉकडाउन की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री बने हैं क्या?

भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से किया सवाल

मुंबई/दि.२१ – भारतीय जनता पार्टी नेता गोपीचंद पडलकर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से पूछा है कि वे राज्य के मुख्यमंत्री सिर्फ लॉकडाउन की घोषणा के लिए बने हैं क्या. दरअसल वे एक पत्र लिख कर मुख्यमंत्री से जानना चाह रहे हैं कि राज्य सरकार ने प्रमोशन पर रिजर्वेशन को लेकर आखिर क्या फैसला किया है? इस पत्र के साथ गोपीचंद पडलकर ने एक ट्वीट भी किया है और उस ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है.
पडलकर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ओबीसी को प्रमोशन में 19 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का निर्णय तुरंत लिया जाए. यह आपसे विनती है. वरना प्रमोशन में रिजर्वेशन दिए जाने को लेकर जो कनफ्यूजन पैदा हो रहा है उसे देखकर यही लगता है कि आप सिर्फ लॉकडाउन घोषित करने के लिए मुख्यमंत्री बने हैं क्या? आज यह सवाल महाराष्ट्र के सामने खड़ा है.
पिछड़े वर्ग के अधिकारियों, कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए दिए गए आरक्षण को रद्द करने के निर्णय पर बुधवार को मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक में एनसीपी नेता और राज्य के मुख्यमंत्री अजित पवार और कांग्रेस के मंत्री नितिन राउत के बीच विवाद हो गया. नितिन राउत ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से प्रमोशन में रिजर्वेशन को रद्द करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की थी. मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए नितिन राउत ने कहा था प्रमोशन में रिजर्वेशन को रद्द करने वाला निर्णय वापस ले लिया गया है. लेकिन अजित पवार ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.
दरअसल 7 मई को राज्य सरकार ने एक जीआर निकाला था. इसके आधार पर प्रमोशन पर रिजर्वेशन को रद्द कर दिया था और सीनियोरिटी के बेस पर प्रमोशन की अनुमति दी थी. इससे राज्य के पिछड़े वर्ग में हताशा फैल गई. इस निर्णय के विरोध में दलित संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी. इसके बाद प्रमोशन पर रिजर्वेशन को रद्द किए जाने वाले इस निर्णय को वापस लेने की मांग पर कांग्रेस नेता नितिन राउत अड़ गए. मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक में उनकी इस विषय में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ कहासुनी भी हुई. बाद में नितिन राउत ने मीडिया ने बातचीत में कहा कि प्रमोशन पर रिजर्वेशन को रद्द किए जाने का फैसला स्थगित कर दिया गया है. इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल पिछड़ों के लिए प्रमोशन में रिजर्वेशन का मुद्दा विधि और न्याय विभाग के पास विमर्श के लिए भेजा गया है.

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