स्वायत्त निकाय चुनाव की सुनवाई फिर आगे टली
4 मार्च को अगली सुनवाई लेने की मांग
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* चार वर्ष से अटके पडे है निकायो के चुनाव
मुंबई /दि. 25- स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई नहीं हो पाई. आज यह मामला सुनवाई हेतु 29 वे क्रमांक पर था परंतु कोर्ट क्रमांक 3 में आज दोपहर 1 बजे तक ही कामकाज होनेवाला था और इस दौरान कोर्ट में 8 वे क्रमांक तक रहने वाले मामलो की ही सुनवाई की और कोर्ट का कामकाज खत्म होने का ऐलान किया. इस समय कामकाज खत्म होते वक्त याचिका कर्ताओं के वकील तथा सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अगली सुनवाई हेतु 4 मार्च की तारीख मांगी. जिस पर कोर्ट ने विचार करने की बात कही.
उल्लेखनीय है कि, बारिश से पहले अप्रैल व मई की डेडलाईन के नजदिक आते समय 4 मार्च को इस मामले में कुछ ठोस होता है तो इस पर आगामी चुनाव का भविष्य निर्भर करेगा. ज्ञात रहे कि, महाराष्ट्र में विगत चार वर्षों से स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव का मामला अधर में लटका पडा है. वहीं विधानसभा चुनाव के बाद अब सभी राजनीतिक दलों द्वारा स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव की प्रतीक्षा की जा रही है और इसे लेकर सभी दलों द्वारा तैयारियां करनी भी शुरु कर दी गई है. परंतु यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हेतु प्रलंबित है. जिसके चलते चुनाव की घोषणा होने में अभी और भी वक्त लगेगा.
बता दें कि, विगत 25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी और उस समय भी सुनवाई को स्थगित करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगली सुनवाई के लिए 25 फरवरी की तारीख दी गई थी. लेकिन आज भी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई नहीं हो पाई और अगली सुनवाई को लेकर कोर्ट ने कोई तारीख भी नहीं दी. जिसके चलते अगली तारीख को लेकर संभ्रम देखा जा रहा है. ज्ञात रहे कि, स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी और इस याचिका के जरिए ओबीसी आरक्षण के साथ अथवा ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराए जाने की अनुमति मिलने हेतु मांग की गई थी परंतु ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के साथ ही यह याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से प्रलंबित पडी है.