संघ की ओर से दस लाख से अधिक परिवारों को दी गई मदद
१ हजार ५५६ गांवो में किए जा रहे सेवा कार्य
पुणे./दि.२९ – कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगाई गई संचार बंदी के दौरान देश और राज्य में जो हालात निर्माण हुए उन हालातों को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत की ओर से दस लाख से अधिक परिवारों को मदद पहुंचायी गई. इस मदद कार्य में १ हजार ५५६ गांवों में ४ हजार ८१७ स्वयंसेवक सौ दिनों से भी ज्यादा विविध सेवा कार्य कर रहे है. संघ के पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत के कार्यवाहक डॉ. प्रवीण दबडघाव और पुणे महानगर संघ संचालक रवींद्र वंजारवाडकर ने यह जानकारी दी. इस समय सेवा विभाग प्रमुख अनिल व्यास और सहसंपर्क प्रमुख शैलेंद्र बोरकर मौजूद थे. इस दौरान सेवा कार्यो की जानकारी देने वाले व्रत सेवा पुस्तिका का प्रकाशन भी किया गया.
दबडघाव ने बताया कि कोरोना मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए मार्च माह में संघ की ओर से विविध स्वरुप की मदद जरुरतमंद और आम नागरिकों तक पहुंचाने की दृष्टि से सेवाकार्य का बीडा उठाया गया. संघ द्वारा किए गए कार्यो की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के सामाजिक संस्थाओं और उनके सैकडो कार्यकर्ताओं ने बढचढकर इस सामाजिक कार्य में सहभाग लिया. वंजारवाडकर ने कहा कि इस मदद कार्य का स्वरुप जरुरत के अनुसार अब बदल दिया गया है. समाज के आम नागरिक को हर संभव मदद व समाज के पुर्न गठन की जरुरत को ध्यान में रखते हुए शिक्षा,स्वास्थ्य, रोजगार और स्वयं रोजगार व कुशलता प्रशिक्षण विषय क्षेत्र के माध्यम से सेवाकार्य शुरु है. इसके अलावा नागरिकों की मानसिक स्थिति बरकरार रहे इसके लिए विविध विषयों को लेकर समुपदेशन योजना भी चलायी जा रही है.
यहं बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर किए गए मदद कार्यो पर नजर डाले तो ९ लाख ४० हजार नागरिकों ने अन्नपूर्णा योजना का लाभ लिया है. इसी तरह ३ लाख २५ हजार परिवारों को अनाज का वितरण, २ लाख ५० हजार लोगों को मास्क, सैनिटाइजर व गलब्ज का वितरण, २४ हजार ९६७ रक्त संकलन,२ हजार दाताओं को ब्लड दिया गया. ५२ हजार घरों के १ लाख १५ हजार नागरिकों की स्वास्थ्य जांच, ५ हजार वरिष्ठ नागरिकों को घरपहुंंच मदद, २२ हजार महिलाओं की स्वास्थ्य जांच, ११ लाख दवाईयों की डिब्बियों का वितरण, ६५ हजार नागरिकों का समुपदेशन, अन्य राज्यों के १ लाख ४० हजार नागरिकों को विविध प्रकार की सहायता, घर लौटने वाले १ लाख १० हजार नागरिकों को आवश्यक सहायता, ७ हजार ४०० ट्रक चालकों को सहायता, दुर्गम इलाकों के २ हजार घरों तक अनाज की थैलियों का वितरण किया गया.