महाराष्ट्र

पीडिता को मनोधैर्य योजना के तहत मुआवजा देने हाईकोर्ट के निर्देश

मुंंबई/दि.23 – बॉम्बे हाईकोट्र ने मानसिक रुप से कमजोर दुष्कर्म की शिकार नाबालिग को गर्भपात की अनुमति दे दी है. साथ ही पीडिता को मनोधैर्य योजना के तहत मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटले की खंडपीठ ने पुलिस को मुआवजे के लिए जरुरी दस्तावेज जिला विधि सेवा प्राधिकरण को भेजने को कहा है. प्राधिकरण को शीघ्रता से बिना विलंब किए मुआवजे की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया है. जिससे पीडिता को मुआवजे की रकम जल्दी उपलब्ध हो सके.
नियमानुसार 20 सप्ताह से अधिक के भ्रूण का गर्भपात अदालत की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है. इसलिए पीडिता के घरवालों ने इस संबंध में कोर्ट में याचिका दायर की थी. इससे पहले खंडपीठ के समक्ष पीडिता की मेडिकल बोर्ड व्दारा तैयार जांच रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में मानवता के आधार पर पीडिता के गर्भपात का सुझाव दिया गया था.

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