हाई कोर्ट ने कुलगुरु सुभाष चौधरी के निलंबन को ठहराया अवैध
कुलपति रमेश बैस का विवादग्रस्त आदेश रद्द
नागपुर/दि.15– राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज, नागपुर विद्यापीठ के कुलगुरु पद से सुभाष चौधरी को निलंबित करने संदर्भ में कुलपति रमेश बैस का विवादग्रस्त आदेश मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने गुरुवार को अवैध ठहराते हुए रद्द किया है. चौधरी को निलंबित करते समय संबंधित कानून के प्रावधान का पालन नहीं किया गया, यह निष्कर्ष दर्ज किया गया. इस फैसले से राज्य सरकार व कुलपति को बडा झटका लगा.
राज्य के सभी विद्यापीठ कुलगुरु के सेवाशर्तों संदर्भ में अगस्त 2023 को समान कानून लागू किया गया है. इस कानून में कुलगुरु के निलंबन का प्रावधान है. इसके अनुसार कुलपति खुद अथवा उनके पास गई शिकायतों को देखते हुए कुलगुरु को निलंबित कर सकते है. परंतु इसके पूर्व सक्षम अधिकारी से आरोपी की प्राथमिक जांच करना और उसके आधार पर निर्णय लेना आवश्यक है. लेकिन चौधरी के बारे में सरकार ने पूछताछ के लिए समिति स्थापित की. कुलपति ने समिति की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए की हुई निलंबन की कार्रवाई को कोर्ट ने अवैध ठहराया.
* ठोस कारण नहीं दिया
कुलगुरु नियुक्ति व निलंबन की प्रक्रिया से राज्य सरकार को कोई लेना-देना नहीं. इसलिए सरकार द्वारा की गई प्राथमिक जांच की कुलपति ने किए प्राथमिक जांच के साथ तुलना नहीं की जा सकती. कुलपति ने सक्षम अधिकारियों द्वारा प्राथमिक पूछताछ करना आवश्यक था, ऐसा कोर्ट ने स्पष्ट किया.
* चौधरी ने दायर की थी याचिका
विवादग्रस्त आदेश में चौधरी को क्यों निलंबित किया जा रहा है, इसका कोई ठोस कारण नहीं दिया गया. इस ओर ध्यानाकर्षण करवाया. निलंबन के आदेश के खिलाफ चौधरी ने याचिका दायर की थी. जिसपर 4 मार्च को अंतिम सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला नहीं दिया था.
* अमल चार सप्ताह तक स्थगित
राज्य सरकार व कुलपति उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले है. इसलिए हाईकोर्ट ने सरकार व कुलपति की अपील पर इस फैसले का अमल चार सप्ताह तक स्थगित किया. और चार सप्ताह के बाद यह रोक अपने आप रद्द होगी, ऐसा भी स्पष्ट किया.