महाराष्ट्र

हाईकोर्ट का इंदोरीकर महाराज को झटका

लड़का-लड़की होने का बयान

* वकील का तर्क-हिंदू ग्रंथ के आधार पर कहा
छत्रपति संभाजीनगर/दि.17 बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने प्रसिद्ध कीर्तनकार निवृत्ति काशीनाथ देशमुख उर्फ इंदोरीकर महाराज की उन पर दर्ज एफआइआर खारिज करने की मांग ठुकरा दी. संगमनेर प्रथम वर्ग न्यायदंडाधिकारी ने महाराज पर पीसीपीएनडीपी कानून के तहत मामला चलाने का आदेश दिया था. महाराज ने इस आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील की थी. न्या. किशोर संत ने शुक्रवार को यह आदेश दिया. उसी प्रकार इंदोरीकर महाराज को उच्चतम कोर्ट में अपील के लिए चार सप्ताह की अवधि प्रदान की.
महाराज ने जनवरी 2020 में विवादास्पद वक्तव्य किया था. उन्होंने सम और विषम तारीख को महिला से संघ करने पर क्रमशः लड़का या लड़की होने का दावा किया था. इस वक्तव्य का बड़े प्रमाण मेंं विरोध हुआ. उनके विरुद्ध संगमनेर में मुकदमा दायर किया गया. कोर्ट ने मुकदमा चलाने का आदेश भी दिया. जिसे महाराज की तरफ से चुनौती दी गई. महाराज की वकील एड. राधिका नावंदर ने कहा कि कोर्ट के आदेश का हम आदर करते हैं. परन्तु महाराज का वक्तव्य प्राचीन हिंदू ग्रंथों पर आधारित है. इंदोरीकर महाराज कोई विज्ञापन नहीं करते, समाज प्रबोधन करते हैं. उनके वक्तव्य को विज्ञापन न समझा जाए. कानून की धारा 22 का कोई उल्लंघन इस वक्तव्य से नहीं होता. किन्तु अभियोजन पक्ष की वकील एड. रंजना गवांदे ने महाराज के खिलाफ पीसीपीएनडीटी कानून लागू होने का दावा किया.

Back to top button