अमरावतीमहाराष्ट्र

मेलघाट के हातवाडा केंद्र पर हुआ था सर्वाधिक 92.32 फीसद मतदान

अमरावती/दि.27– अमरावती संसदीय क्षेत्र में इस बार विगत 3 दशकों की तुलना में सर्वाधिक 63.67 फीसद मतदान हुआ. जिसमें से मेलघाट के हातवाडा मतदान केंद्र में सर्वाधिक 92.31 फीसद मतदान होने की जानकारी निर्वाचन विभाग द्वारा जारी आंकडों से स्पष्ट होती है. वहीं अमरावती शहर के एसआरपीएफ केंद्र में सबसे कम मात्र 34.70 फीसद वोट पडे.

अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में विगत 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव हेतु मतदान कराया गया. जिले के सुदुर एवं दुर्गम क्षेत्रों से मतदान पथकों को वापिस पहुंचने में विलंब हो जाने के चलते निर्वाचन विभाग द्वारा 27 अप्रैल को मतदान का कुल प्रतिशत और 28 अप्रैल को मतदान का केंद्र निहाय प्रतिशत घोषित किया गया. जिसके मुताबिक आदिवासी बहुल व दुर्गम क्षेत्र रहने वाले मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र में सर्वाधिक 2 लाख 5 हजार 284 मतदाताओं द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग करने के चलते 71.55 फीसद मतदान हुआ.
उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष मतदाता यादि के विशेष पुनरिक्षण कार्यक्रम में केंद्रस्तरीय अधिकारियों द्वारा घर-घर जाकर भेंट दी गई.

इसके अलावा मृत व स्थलांतरीत सहित एक समान चेहरे रहने वाले व एकसमान नाम व पते रहने वाले मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिये गये. जिसके चलते मतदाता सूची में रहने वाले अतिरिक्त मतदाताओं के नाम घट गये और इस बार मतदान का प्रतिशत बढा, जिसे निर्वाचन विभाग की सफलता माना जा रहा है. परंतु मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर भीडभाड होते ही कई केंद्रों पर नियोजन गडबडाया गया. जिसके चलते निर्वाचन विभाग की ओर से की गई तैयारियों की पोल खोल गई.

* कितने मतदाताओं ने डाले वोट?
अमरावती संसदीय क्षेत्र में 6 लाख 31 हजार 915 पुरुष, 5 लाख 37 हजार 186 महिला व 20 अन्य ऐसे कुल 11 लाख 69 हजार 101 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. यह कुल मतदाता संख्या की तुलना में 63.67 फीसद रहा, जो विगत तीन दशकों के दौरान हुए मतदान की तुलना में सर्वाधिक प्रतिशत है.

* 63.67 फीसद मतदान
अतिरिक्त मतदाताओं की संख्या घटने से मतदाता सूची पूरी तरह से अपडेट हुई. नवमतदाताओं का अधिक से अधिक पंजीयन हो, इस हेतु विभिन्न अभियान व उपक्रम चलाये गये. जिसमें स्वीप अभियान का भी समावेश रहा.

* कहीं एकदम कम तो कहीं काफी अधिक मतदान क्यों?
मतदाता सूची के अपडेशन, स्वीप उपक्रम के जरिए किये गये प्रयास, मतदाताओं में की गई जनजागृति, मतदान केंद्रों की सुलभता, नवमतदाताओं के अधिकाधिक पंजीयन तथा महिलाओं की जागृकता के चलते इस बार मतदान का प्रतिशत बढा.
– प्रवीण देशमुख,
नायब तहसीलदार,
निर्वाचन विभाग

प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों में काटे की टक्कर, एक-एक वोट के लिए हुए संघर्ष और चुनाव जीतने हेतु सभी तरीकों का प्रयोग इस चुनाव में हुआ. जिसके चलते काफी देर तक मतदान होता रहा और मतदान का प्रतिशत बढा.
– प्रवीण राउत,
निर्वाचन अभ्यासक

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