होलिका दहन 24 को रात्रि 11.12 मिनिट के बाद
अकोला/दि.15– स्थानीय भोलेश्वर मंदिर में होलिका दहन त्यौहार को लेकर अकोला पुरोहित संघ की सभा रविवार 24 मार्च को संपन्न हुई. शास्त्रोक्त आधार पर होलीका दहन के मुहूर्त निश्चित किए गए. सम्राट पंचांग के अनुसार शनिवार 16 मार्च से रात्रि 9:38 से होलाष्टक प्रारंभ हो जाएंगे. अन्य पंचांग के अनुसार रविवार 17 मार्च से सुबह से ही होलाष्टक का आरंभ होगा.गाय के गोबर से ढाल, तलवार, चाकुली इत्यादि बनाना, जिसे खेरखाण्डा बनाना भी कहते हैं.
महाराष्ट्रीयन पंचांग के अनुसार 24 मार्च को भद्रा रात्रि 11 बजकर 12 मिनट तक रहेगी. शास्त्र आज्ञा के अनुसार अतः रात्रि 11:12 मिनिट के बाद ही होलिका दहन करें. भद्रा में होलिका दहन नहीं करना चाहिए इससे राष्ट्र की दुर्गति होती है, प्राकृतिक आपदाएं आती है, मौसम में गड़बड़ी होती है.अतः भदरा के उपरांत ही होलिका दहन करना उचित रहेगा. किसी भी त्यौहार में लोकाचार लोकरीतियों का भी महत्व होता है अतः होलीका में भी अलग-अलग जगह अलग-अलग रिवाज हो सकते हैं. गणगौर के उद्यापन में शुक्र गुरु का अस्त्र नहीं होने से उद्यापन हो सकेंगे. धार्मिक ज्योतिष निर्णय के लिए त्योहारों के लिए मुहूर्त चिंतामणि निर्णय सिंधु वृतराज महाराष्ट्रीयन वल्लभ मनीराम सम्राट निर्णय सागर तथा काशी पंचांग का प्रयोग किया गया. सभा में पंडित रतन तिवारी, श्याम अवस्थी, रजनीकांत जाडा, राजकरण तिवारी (संस्कृत साहित्य आचार्य), सुमित तिवारी, भैरू शर्मा, गोपाल शर्मा भागवत आचार्य, प्रमोद तिवारी, एवं पंडित रवि कुमार शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
* यह मुहूर्त रहेगा
-अमलकी एकादशी 20 मार्च को भदरा से पहले दोपहर 1: 18 के पहले.
-चाकोल्या पीरोने का मुहूर्त-: रविवार 24 मार्च को सुबह 9:54 भर्दा से पहले.
होलिका दहन का मुहूर्त:- रविवार 24 मार्च को रात्रि 11.12 मिनिट के बाद रहेगा.