महाराष्ट्र

गर्भवती, स्तनदा और बच्चों को घरपोच आहार

वितरण के लिए हेराफेरी रोकने के लिए यंत्रणा

  • ठेकेदार पर भी होगी कार्रवाई

मुंबई/दि.1 – गर्भवती स्तनदा माता, बच्चे को नये साल के पहले ही दिन सुखद समाचार मिला है. इन सभी को पौष्टिक आहार वह भी भरपुर मात्रा में घरपोच और अंगणवाडी में समय पर मिल सकेगा. इस पोषण आहार वितरण पर यंत्रणा का भी ध्यान है. इस खाद्यपदार्थ और आहार के संग्रह पर 24 घंटे नजर रखी गई है. उसकी कालाबाजारी न हो और ठेकेदार की जिम्मेदारी रहे इसलिए सप्लाय चेन मैनेजमेंट पाकिट पर क्यूआर कोड रहेगा. खाद्यपदार्थ के पैकेट पर क्यूआर कोड रहेगा. मापतौल में बेईमानी करने पर ठेकेदार पर कडी कार्रवाई की जायेगी.
बालमृत्यु और कुपोषण रोकने की द़ृष्टि से केन्द्र सरकार के प्रयास से 6 साल तक के लड़के-लड़कियां, गर्भवती और स्तनदा माता के लिए यह पोषण आहार चलाया जा रहा है. इन तीनों घटक का स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का विचार करके यह योजना शुरू की गई. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अंगणवाडी, मिनी अंगणवाडी से उन्हें पोषण आहार दिया जाता है. इसके लिए महिला गुट की नियुक्ति की गई है. परंतु कुछ क्षेत्र में लाभार्थियों को आहार न मिलने से लेकर वह निकृष्ट, कम और समय पर न मिलने की शिकायते आयी थी. इस आहार की कालाबाजारी करनेवाली टोली कार्यरत होने का उजागर हुआ था. उसे नये प्रणाली के माध्यम से अंकुश लगाया जायेगा, कोरोना के समय घरपोच आहार की पूर्ति करने का काम महाराष्ट्र स्टे कन्झ्युमस्र फेडरेशन को सौंपा गया है.

योजना का स्वरूप

– 6 माह से 3 वर्ष-
500 उष्मांक 12 से 15 ग्रॅम प्रथिनेयुक्त आहार
– 6 माह से 6 वर्ष
-तीव्र कम वजन के बालक-800 उष्मांक -2-25 ग्रॅम् प्रथिनेयुक्त आहार
-गर्भवती और स्तनदा माता-
600 उष्मांक 18-20 ग्रॅम प्रथिने (घरपोच)

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